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जयपुर। क्या आपको अक्सर बैग, कार का दरवाजा या कंबल छूते ही अचानक बिजली के झटके जैसा महसूस होता है? यह अनुभव कई बार होता है और बिल्कुल असली करंट जैसा लगता है। हैरानी की बात यह है कि यह स्थैतिक बिजली (Static Electricity) बिना किसी बिजली के कनेक्शन के लगती है। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। आइए जानते हैं वह कारण...
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सामान्य तौर पर, एक एटम में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर होती है, इसलिए वह विद्युत रूप से तटस्थ रहता है। लेकिन जब किसी कारणवश एटम में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों का संतुलन बिगड़ जाता है और इनकी संख्या विषम हो जाती है, तो इलेक्ट्रॉन उत्तेजित हो जाते हैं।
आमतौर पर एटम में इलेक्ट्रॉनों की संख्या संतुलित रहती है। जब किसी वस्तु या व्यक्ति में इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है, तो उस पर नकारात्मक आवेश आ जाता है।
यह नकारात्मक आवेश जब किसी दूसरी वस्तु या व्यक्ति के सकारात्मक आवेशित इलेक्ट्रॉनों की ओर आकर्षित होता है, तो छूने पर हमें झटका महसूस होता है। यह झटका इलेक्ट्रॉनों की तेज गति के कारण होता है।
इस प्रकार के विद्युत आवेश पर मौसम का भी गहरा प्रभाव पड़ता है। सर्दियों में इस तरह का करंट लगने की संभावना अधिक होती है। इसका कारण यह है कि सर्दियों में अक्सर मौसम शुष्क होता है, जिससे स्थैतिक आवेश आसानी से बन जाते हैं। वहीं, गर्मियों में हवा में मौजूद नमी नकारात्मक आवेश वाले इलेक्ट्रॉनों को कुछ हद तक निष्क्रिय कर देती है, इसलिए इस मौसम में स्थैतिक बिजली या करंट कम महसूस होता है।
- डॉ. पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेद विशेषज्ञ राजस्थान विधानसभा जयपुर।
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