जयपुर। ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) ने बैंक की सीबीएस प्रणाली को हैक कर लाखों रुपए ठगने वाले एक साइबर ठग को मंगलवार को गिरफ्तार किया है। एसओजी टीम फिलहाल आरोपित से पूछताछ कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एडीजी (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौड़ ने बताया कि मामले में साइबर ठग आरोपित अय्यूब हसन खां उर्फ अयूब खां (20) निवासी सी.बी.गंज बरेली उतर प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है। वह नाइजीरिया गिरोह का सक्रिय सदस्य है। पूछताछ में आरोपित से पता चला है कि गिरोह का मुख्य सूत्रधार नाइजीरिया के नागरिक का होना सामने आया है।
इनके एक बैंक खाते में करीब 3 लाख रुपए जमा मिले है। आरोपित अय्यूब हसन खां उर्फ अयूब खां ने अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड में कांट-छांट कर अपने पिता का नाम एवं पता परिवर्तित किया। उन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करीब 20 मोबाइल सिम जारी करवाई और 20 बैंक खाते खुलवाए। जिन्हें साइबर ठगी में प्रयोग कर रुपयों का ट्रांसफर किया गया। एसओजी टीम नाइजीरिया गिरोह के मुखिया सहित अन्य बदमाशों की तलाश कर रही है।
उच्चस्तरीय प्लानिंग से दिया अंजाम - जालोर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधक हरीश औझा ने अक्टूबर 2019 में पुलिस थाना साईबर क्राईम एसओजी जयपुर में दर्ज कराया। रिपोर्ट में बताया कि साइबर ठग ने उनके बैंक की सीबीएस प्रणाली को हैक कर मोबाइल बैकिंग के जरिए खातों से करीब 86 लाख 42 हजार 58 रुपए बेईमानी से निकाल लिए।
पड़ताल में सामने आया है कि बैंक के कम्प्यूटर नेटवर्क (सर्वर) को हैक कर के धनी खाताधाराकों की पहचान की गई। जिसके बाद उसके खातों की निकासी राशि की क्षमता को बढ़ाया और उनके लिंक मोबाइल नंबरों की जगह खुद के मोबाइल नंबर डाल दिए गए, जिससे वास्तविक खाताधारक को बैंक से रुपए निकलने का पता नहीं चल सके।
साइबर ठगों ने बैंक के 4 अधिक राशि वाले खातों से फर्जी कागजातों के आधार पर खुलवाए कुल 28 बैंक खातों से करीब 86 लाख रुपए दो घंटे में ही विभिन्न माध्यमों से दूसरे खातों में ट्रांसफर कर ठग लिए।
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