जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जोधपुर की टीम ने एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई का भय दिखा फार्मा कंपनी के संचालक से दस लाख रुपए की रिश्वत लेते श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थाने के कांस्टेबल को जयपुर की एक होटल से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रिश्वत की रकम उसने थानाअधिकारी राजेश कुमार सिहाग के लिए ली थी, जो फरार हो गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ब्यूरो के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कानपुर निवासी हरदीपसिंह ने जोधपुर एसीबी को शिकायत की थी।
एसीबी ने ट्रेप की कार्रवाई कर सोमवार देर रात जयपुर की होटल रेडिशन ब्ल्यू के कमरे में श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थाने के कांस्टेबल नरेश चन्द मीणा को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जवाहर नगर थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग के लिए रिश्वत की राशि ली गई थी।
थानाधिकारी की भूमिका की हुई पुष्टि - उसके मोबाइल के व्हॉट्सऐप चैट व बातचीत से थानाधिकारी राजेश कुमार सिहाग की भूमिका की पुष्टि हो गई। एसीबी ने जवाहर नगर में उसे पकडने का प्रयास किया। एसीबी कार्रवाई का पता चलने पर थानाधिकारी फरार हो गया है, जिसकी तलाश की जा रही है।
पहले हुआ 16 लाख का बटवारा - कानपुर में गोविन्द नगर निवासी हरदीप सिंह व उसके भतीजे पवन कुमार की बिरहना रोड पर गुरू तेग बहादुर फार्मा नाम से फार्मा दुकान है। श्रीगंगानगर के सदर थाने में गत दिनों एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले की जांच थानाधिकारी राजेश कुमार सियाग कर रहा है। इसमें भूमिका बताकर पवन कुमार अरोड़ को नोटिस भेजा गया था।
18 सितम्बर को एएसआई सोहनलाल व कांस्टेबल नरेश चन्द कानपुर में दुकान पहुंचे थे, वह पवन को होटल गगन प्लाजा ले गए थे। हरदीप व उसके भतीजे पवन को पकडक़र ले जाने का डर दिखाकर कांस्टेबल ने 15 लाख रुपए ले लिए थे। जिनमें से 2.5-2.5 लाख रुपए एएसआइ व खुद के और 10 लाख रुपए थानाधिकारी के बताए थे। 25 सितम्बर को कांस्टेबल ने फिर पीडि़त के घर पहुंचा। दवाइयों की सूचना से थानाधिकारी के संतुष्ट न होने का बता 25 लाख रुपए और मांगे थे। उसने एक लाख रुपए उस दिन और ले लिए थे।
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