जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मुख्यालय पर सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो जयपुर में कार्यरत निरीक्षक प्रकाश चंद मंडीवाल जो 7 मार्च 2019 को रिश्वत के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर द्वारा ट्रैप किया गया था ने एसीबी मुख्यालय पर महानिरीक्षक दिनेश एमएन के समक्ष किया आत्मसमर्पण। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महा निरीक्षक दिनेश एमएन बताया कि सीबीआई पुलिस निरीक्षक प्रकाश चंद को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर द्वारा 7 मार्च को रिश्वत के मामले में ट्रैप किया गया था जो पिछले 6 माह से फरार चल रहा था एवं आरोपी प्रकाश चंद की अग्रिम जमानत याचिका राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा खारिज कर दी थी वह सुप्रीम कोर्ट ने भी अग्रिम जमानत याचिका पर दिनांक 19 अगस्त 2019 को यह आदेश दिए कि प्रकाश चंद 4 सप्ताह में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के समक्ष समर्पण करें।
उल्लेखनीय है कि गृह निर्माण सहकारी समिति के कुछ भूखंडों के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सीबीआई जयपुर द्वारा अनुसंधान किए जाने के आदेश दिए थे उक्त मुकदमों के अनुसंधान प्रकाश चंद मंडीवाल पुलिस निरीक्षक सीबीआई जयपुर अनुसंधान अधिकारी के रूप में किया जा रहा था। अनुसंधान अधिकारी प्रकाश चंद द्वारा परिवादी को उक्त प्रकरण में बेवजह प्रताड़ित एवं परेशान किया जा रहा था ताकि वह प्रकाश चंद को रिश्वत दे सके।
अनुसंधान अधिकारी प्रकाश चंद ने परिवादी से 1.50 करोड़ रुपए की रिश्वत की राशि दलाल शांतिलाल आंचलिया के माध्यम से मांग की जिस पर परिवादी ने 90 लाख रूपये दलाल के माध्यम से पुलिस निरीक्षक प्रकाश चंद को पूर्व में ही दे दी गई थी एवं शेष 60 लाख रुपए भी देने के लिए दबाव बनाने लगा। जिस पर एसीबी द्वारा ट्रैप कार्रवाई करते हुए दलाल शांतिलाल आंचलिया को 30 लाख रूपय नगद एवं 45 लाख रुपए के सेल्फ चेक सीबीआई पुलिस निरीक्षक प्रकाश चंद के लिए लेते हुए गिरफ्तार किया था एवं पुलिस निरीक्षक प्रकाश चंद उस समय फरार हो गए थे।
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