जयपुर। राजस्थान एसओजी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस बार एसओजी ने जीवित शख्स को मरा हुआ बताकर फर्जी तरीके से लाखों रुपए का इंश्योरेंस क्लेम उठाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसओजी ने गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। खास बात ये है कि गिरोह में पुलिसकर्मी का नाम सामने आने के बाद खाकी पर फिर दाग लगे हैं। इस गिरोह में पेशेवर डॉक्टर ,एडवोकेट के साथ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसओजी के हत्थे चढ़े आरोपी हरियाणा निवासी रघुराज, राजेश कुमार, दौसा निवासी डॉ.सतीश कुमार, एडवोकेट चतुर्भुज मीणा, एएसआई रमेशचंद्र और दिल्ली निवासी यशवंत सिंह हैं।
दरअसल, दौसा जिले के कोतवाली थाने में बीते 10 अक्टूबर को एक झूठी तहरीर द्वारा जितेंद्र सिंह नाम के शख्स का फर्जी पोस्टमार्टम कराने का मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान ऐसा ही एक मामला दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा थाने में और सामने आया। दोनों मामलों में किसी संगठित गिरोह का हाथ मानते हुए जांच एसओजी को सौंपी गई। एसओजी की ओर से गठित विशेष टीम ने जांच की तो पता चला कि जिस शख्स को मृत बताकर इंश्योरेंस क्लेम उठाया गया था, वह जितेंद्र सिंह दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ रहकर आॅटो चलाता है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए एसओजी टीम इस गिरोह से जुड़े पेशेवर जालसाजों तक पहुंची और मामले का खुलासा किया। इस गिरोह का मुखिया दिल्ली की एफआरएम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रघुराज सिंह हैं। जिसने बैंककर्मी राजेश कुमार, डॉ. सतीश कुमार, एडवोकेट चतुर्भुज मीणा, एएसआई रमेशचंद्र और यशवंत सिंह के साथ मिलकर जितेंद्र सिंह के नाम से कई कंपनियों में इंश्योरेंस पॉलिसियां कराईं।
कुछ समय बाद जितेंद्र सिंह की सड़क हादसे में मौत बताते हुए इस गिरोह ने फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस रोजनामचे की फर्जी नकल रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराया और जितेंद्र सिंह की पत्नी सुधा के जरिये कई इंश्योरेंस कंपनियों से 16 लाख रुपए का क्लेम उठाकर बंटवारा कर लिया, लेकिन इस दौरान एक इंश्योरेंस कंपनी के इंवेस्टिगेटर ने फर्जीवाड़े का पता लगते ही मामला दर्ज करा दिया। वहीं जांच के दौरान एक और मामला सामने आया। जिसमें इस गिरोह ने कैंसर पीड़ित शख्स की मौत के बाद उसकी सड़क हादसे में मौत बताकर फर्जी क्लेम उठा लिया।
कुल मिलाकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर जीवित शख्स को मृत बताकर इंश्योरेेंस कंपनी से फर्जी क्लेम उठाने वाले शातिर जालसाज भले ही एसओजी के हत्थे चढ़ गए हों, लेकिन इस गिरोह की तह तक पहुंचना एसओजी के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि पूछताछ के बाद कुछ और वारदातों का खुलासा हो सकता है।
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