जयपुर। शहर में शादी समारोह की दावतें फिर शुरू हाेने जा रही हैं। एक महीने बाद फिर से शहनाइयां गूजेंगी। मलमास 14 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इसके बाद 18 अप्रैल से फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे। विवाह आदि मुहूर्त 10 जुलाई तक रहेगा। इसके बाद 23 जुलाई को देव शयन करेंगे। देव शयन अवधि 4 माह के लिए रहेगी। 19 नवम्बर को देव शयन से जागेंगे। हालांकि देवउठनी एकादशी के बाद भी गुरु शुक्र तारा अस्त होने और मलमास के कारण कोई मुहूर्त नहीं है।
पंडितों के अनुसार अप्रैल में विवाह के पांच मुहूर्त है। 16 मई से 13 जून तक अधिकमास है। विवाह के सबसे ज्यादा मुहूर्त जून में है। 10 जुलाई को इस साल विवाह का आखिरी मुहूर्त होगा। इसके साथ ही 23 जुलाई से 18 नवम्बर तक देवशयनकाल रहेगा।
विवाह, शुभ कार्य के अभिजीत मुहूर्त
18 अप्रैल अक्षय तृतीया,
24 अप्रैल जानकी नवमी,
30 अप्रैल पीपल पूर्णिमा,
24 मई गंगा दशमी
विवाह मुहूर्त की तारीखें
18, 19, 20, 28, 29 अप्रैल,
3, 4, 8, 11, 12 मई,
19, 20, 21, 22, 25, 29, जून,
1, 2, 6, 7, 10, जुलाई,
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