जयपुर। जयपुर जिसे गुप्त वृन्दावन भी कहा जाता है, भगवान् श्रीकृष्ण के आगमन के बाद उल्लास से परिपूर्ण हो गया है। जगतपुरा के श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया। सभी भक्तों ने पूरे उत्साह से नंदलाल का स्वागत किया।
जन्माष्टमी के दूसरे दिन ‘नंदोत्सव’ मनाया जाता है। सभी भक्त भाव विभोर होकर नंदलाला के प्राकट्य के उपलक्ष्य में यह उत्सव मनाते हैं। श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर में भी नंदोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया और साथ ही व्यास पूजा के अंतर्गत हरे कृष्ण आन्दोलन के संस्थापक आचार्य, कृष्ण कृपामूर्ति ए. सी. भक्तिवेदंत स्वामी प्रभुपाद की 128व़ी जयंती मनाई गई। श्रील प्रभुपाद ने पूरे विश्व में हरे कृष्ण मूवमेंट का प्रचार प्रसार किया और कई मंदिरों की स्थापना की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दास ने व्यास पूजा और नंदोत्सव के बारे में बताया कि व्यास पूजा के दिन प्रभुपाद जी का विशेष अभिषेक हुआ, देश विदेश से जुड़े भक्तों ने उनके लिए श्रद्धांजलि पत्र लिखा कि कैसे प्रभुपाद उनके जीवन में गुरु ज्ञान की रौशनी लेकर आए।
इन सभी पत्रों का संकलन किताबों के अलग अलग वाल्यूम के रूप दिया गया और हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर में राजस्थान के वाल्यूम का व्यास पूजा के दिन अनावरण किया गया। हज़ारों भक्त उनके लिए स्वयं भोग बनाकर लाए और उन्हें अर्पित किया।
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