जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के जज संजीवप्रकाश शर्मा ने एक दिव्यांग बालक के मामले में चलती हुई सुनवाई रोक दी। अदालत ने पहले तो उसकी मां को पहले तो दिव्यांग बालक की मां को उसे कोर्ट से बाहर करने के आदेश दिए। उन्हें जब पता चला कि उसकी देखभाल के लिए अकेले मां ही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस वजह से वह बालक को अदालत लेकर आ गई है तो उन्होंने चलते हुए केस की सुनवाई रोक दी। पहले दिव्यांग बालक का मामला सुना। 12 वर्षीय ध्रुव की मां ने अदालत को बताया कि बालक के पिता दूदू पंचायत समिति में प्रसार अधिकारी है। वे छह महीने से दिव्यांग बेटे के हर्जे-खर्चे का पैसा नहीं दे रहे हैं जिससे जीवन यापन मुश्किल हो गया है। अदालत को बताया कि उसे फ्रेलिक्स की बीमारी है और वह चल फिर नहीं सकता।
इस पर जज संजीव प्रकाश शर्मा ने पंचायत समिति दूदू के बीडीओ को आदेश दिए कि पिता की तनख्वाह का 50 फीसदी हिस्सा बच्चे के खाते में 50% हिस्सा जमा कराएं, जिससे मां बच्चे का इलाज करा सकें।
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