भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इतने क्यों डरे हैँ?
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार बीजेपी के प्रत्याशी बने सीपी जोशी आखिर इतने क्यों डरे हुए हैं? वजह साफ है कि इस बार उनका अहंकार टूटने जा रहे हैं। टिकट मिलने के साथ ही उनके हारने की चर्चा चलने लगी। इस चर्चा ने सीपी जोशी को पूरी तरह से डरा दिया है। वे फील्ड में जाने की बजाय चित्तौड़ के उन नेताओं को पार्टी से जोड़ने में लगे हैं जो उन्हें जीत दिला सके। सबसे पहले सीपी जोशी अपने राजनीतिक प्रतिद्विंद्वी विधायक व पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी को दिल्ली में मोदी, शाह और नड्डा से मिलाकर लाए। कृपलानी ने इस अहसान का बदला उतारने के लिए निर्दलीय चुनाव जीते बीजेपी के बागी चंद्रभान आक्या से दुबारा दोस्ती करवाई और सीपी जोशी उन्हें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलाकर लाए। इस तरह पिछले एक दशक से बीजेपी को चुनौती देने वाले जनता सेना के मुखिया रणधीर सिंह भींडर की भी सीपी जोशी ने घर वापसी करवा दी है। जोशी चाहते तो आक्या का टिकट चित्तौड़गढ़ से हो सकता था और भींडर भी विधानसभा चुनावों में पार्टी में आ सकते थे, लेकिन जोशी ने तब प्रयास नहीं किए थे। जब मैदान में खुद के उतरे तो उन्हें हकीकत पता चला। अब उन्हें हार का डर सताने लगा है।
भाजपा का कांग्रेसीकरण
लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा का कांग्रेसीकरण होने का क्रम जारी है । सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसियों के भाजपा ज्वाइन करने से भाजपा के कई नेता, कार्यकर्ता परेशान है । पहले नेता वह परेशान है, जिन्हे भजनलाल सरकार में अभी तक कोई राजनीतिक नियुक्ति नहीं मिली है । दूसरे नेता वह परेशान है, जो मौजूदा भाजपा संगठन में किसी भी पद पर नहीं है । तीसरे तरह के नेता वह परेशान है, जो डिजायर करवाकर काम करवाने में लगे रहते है । भाजपा के यह तीनों तरह के नेता कांग्रेसियों के आने से अंदर ही अंदर परेशान है । उन्हें लग रहा है कि अब यह भी अपना हक और नाम के अनुसार पद मांगेंगे ।
बिना सवाल वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस
राजस्थान की भनजलाल सरकार ने एक अनोखी प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की है । जिसमें कोई सवाल-जवाब नहीं, सिर्फ सीएम या मंत्री जी बोलेंगे, सिर्फ पत्रकार चाय-नाश्ता करे प्रेस कॉन्फ्रेंस के कन्फ्यूजन दूर करने के लिए प्रेस नोट का इंतजार करें । जी हां भजनलाल सरकार की दूसरी कैबिनेट के बाद सीएमओ के कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई । सीएम भजनलाल ने कैबिनेट के बड़े फैसलों की जानकारी दी । जैसे ही सीएम का संबोधन खत्म हुआ । नए नवेले मीडिया कोर्डिनेटर महोदय ने दो टूक पत्रकारों से कह दिया कि कोई सवाल नहीं होगा । बाकी जानकारी आपको प्रेस नोट में मिल जायेगी । इस तरह का वाकया देख, 30-40 साल से पत्रकारिता करने वाले पत्रकार, जो सीएमओ पहुंचे थे, वह हक्के-बक्के रह गए । कानाफूसी चली कि जब ऐसा ही करना था, तो प्रेस नोट ही भेज देते । सीएमओ बुलाने का क्या जरूरत थी ।
शासन सचिवालय में दास्तान-ए-कमरा.
शासन सचिवालय के मुख्य भवन में एक कमरा बड़ा सुर्खियों में है । इस कमरे को लेने के लिए हर कोई आईएएस लालायित रहता है । दूसरी मंजिल स्थित इस कमरे का अब कायाकल्प हो रहा है । कायाकल्प कोई छोटा सा नहीं , बल्कि ऐतिहासिक कायाकल्प है । पीडल्ब्यूडी विभाग ने एक बड़े अफसर के लिए चार कमरों को एक कर दिया है । बाकी तीन कमरों के गेट को ईटों से चुनाव दिया गया है । इस तरह का कायाकल्प पहली बार हो रहा है । अब इस कमरे का कार्य भी तेज से जारी है । शासन सचिवलाय में लंबे समय से पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी भी इस तरह का निर्माण कार्य देखकर आश्चर्यचकित है ।
(नोटः- इस कॉलम में हर सप्ताह खबरों के अंदर की खबर, शासन-प्रशासन की खास चर्चाएं प्रकाशित की जाती हैं)
लालकृष्ण आडवाणी की अचानक तबीयत बिगड़ी, अपोलो अस्पताल में हुए भर्ती
किसान मार्च को देखते हुए अंबाला के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा ठप
जेल में एक रात बिताने के बाद रिहा हुए अल्लू अर्जुन
Daily Horoscope