हनुमानगढ़। सुरेशिया में संचालित मंजू अग्रवाल के देह व्यापार के अड्डे से 28 मार्च
को मुक्त करवाई गई दिल्ली की नाबालिग किशोरी को आखिरकार राजकीय जिला
चिकित्सालय से छुट्टी मिल गई। बाल कल्याण समिति ने पीडि़ता को दिल्ली के
अमन विहार थाने से पहुंचे पुलिस दल को सुपुर्द कर दिया।
दिल्ली से आया पुलिस
दल पीडि़ता को लेकर दिल्ली रवाना हो गया, जहाँ पीडि़ता को दिल्ली की बाल
कल्याण समिति को सौंपा जाएगा। इसके बाद पीडि़ता अपने परिजनों से मिल सकेगी।
पीडि़ता ने घर जाने की इच्छा समिति व पुलिस के समक्ष जताई। जानकारी के
अनुसार अमन विहार थाने से उप निरीक्षक मनीषा शर्मा के नेतृत्व में तीन
सदस्यीय दल जिनमें दो कांस्टेबल शामिल थे, हनुमानगढ़ पहुंचा।
बाल कल्याण
समिति ने आवश्यक कार्रवाई के बाद जिला चिकित्सालय से पीडि़ता को डिस्चार्ज
करवा अमन विहार थाने के पुलिस दल की सुरक्षा में दिल्ली रवाना कर दिया।
इससे पहले स्थानीय पुलिस ने सोमवार शाम जिला कारागृह में बंद आरोपियों की
पीडि़ता से शिनाख्तगी परेड करवाई। पीडि़ता ने सभी आरोपितों की पहचान की।
पीडि़ता से अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आरोपी गोलू व निशा की
शिनाख्तगी परेड करवाई जाएगी। दिल्ली व हनुमानगढ़ में दर्ज मामलों में गोलू व
निशा भी नामजद हैं। गोलू ही पीडि़ता को बरगलाकर निशा के सहयोग से
हनुमानगढ़ लाया तथा एक लाख में मंजू अग्रवाल को बेच दिया। हनुमानगढ़ जिला
कारागृह में बंद मंजू अग्रवाल व अन्य को दिल्ली पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर
गिरफ्तार करेगी।
दिल्ली रवाना होने से पहले पीडिता और उसके पिता ने उन सभी का
धन्यवाद दिया, जिन्होंने पीडिता को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया,
पीडिता और उसके पिता ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जोधसिंह का आभार जताया,
जिन्होंने बच्ची को चकलाघर से आजाद करवाया।
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