हनुमानगढ़। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में कृषि विभाग प्रदेश में उर्वरक का कुशल प्रबंधन कर किसानों को लाभान्वित कर रहा है। साथ ही, कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वालों पर कठोर कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही हैं। विभाग के संयुक्त निदेशक योगेश कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में अधिकारियों की टीमें बनाकर उर्वरक के अवैध भंडारण पर सतत निगरानी रख रहे हैं।
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वर्मा ने बताया कि विभाग के उपनिदेशक बी.आर. बाकोलिया की टीम ने अवैध भण्डारण पर कार्यवाही की है। टीम को एक गोदाम पर 10 अक्टूबर को 400 कट्टों का अवैध भण्डारण मिला। इस पर कार्रवाई करते हुए अवैध भण्डारण को नियमित होने तक मैसर्स बृजलाल तरसेम हनुमानगढ़ जंक्शन का लाईसेंस निलम्बित किया गया है।
नियमित निरीक्षण
जिला स्तर एवं सहायक निदेशक कार्यालय में सभी सहायक निदेशक को कंट्रोल रूम का प्रभारी बनाया गया है। कालाबाजारी, अवैध परिवहन, सीमावर्ती राज्यों में परिगमन एवं जमाखोरी को रोकने के लिए टीमें गठित की गई हैं। रोजाना 20-25 निरीक्षण हो रहे हैं। नियमों की पालना नहीं करने वाले थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। इसमें सेल स्टाॅप, कारण बताओ नोटिस एवं लाईसेंस निलम्बन शामिल है। जिले में प्रत्येक मंडी स्तर पर भी प्रभारी अधिकारी मय टीम लगाए हैं। वे नियमित निगरानी रखते हुए अपनी देखरेख में ही उर्वरकों का वितरण कार्य करा रहे हैं।
रबी फसल के लिए पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध
वर्मा ने बताया कि इस बार रबी में लगभग 6.70 लाख हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से अक्टूबर के मध्य से अन्त तक सरसों लगभग 2.50 लाख हैक्टेयर में बिजाई होने का अनुमान है। इसके लिए लगभग 15 हजार-18 हजार मै0 टन फास्फोरस की आवश्यकता होगी। इसके लिए डीएपी के साथ-साथ, एनपीकेएस श्रेणी के उर्वरक, सिंगल सुपर फास्फेट, ट्रिपल सुपर फास्फेट आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। नवम्बर में गेंहू की बिजाई के लिए भी पर्याप्त मात्रा में फास्फोरिक जनित उर्वरक उपलब्ध है।
अधिक राशि में बिक्री होने पर दे सूचना
संयुक्त निदेशक ने बताया कि सामान्यत तीन कट्टे एसएसपी एवं एक कट्टा यूरिया के उपयोग से डीएपी से भी अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। इसी प्रकार एनपीकेएस श्रेणी के विभिन्न ग्रेड के उर्वरक जिले में अभी 20 हजार टन में उपलब्ध है। निरन्तर आपूर्ति भी हो रही है। ऐसे में किसान चिंतित नहीं हो। जिले में फास्फोरस की भी पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने जानकारी दी कि यदि किसी जगह अधिक राशि पर ब्रिकी की सूचना हो तो निकटतम सहायक निदेशक अथवा कृषि पर्यवेक्षक को सूचना दें ताकि प्रभावी कार्यवाही की जा सकें।
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