डूंगरपुर। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने आमजन से जुड़े सभी विभागों एवं एजेंसियों के अधिकारियों को नागरिकों की शिकायतों पर रेस्पॉन्स टाइम न्यूनतम कर त्वरित राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। पानी-बिजली से जुड़ी समस्याओं को अतिरिक्त सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ निस्तारित करने के निर्देश से आमजन की समस्याओं का हाथोंहाथ निस्तारण हो रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण सोमवार को सामने आया। जिले के साबला की आदिवासी बस्ती में पेयजल आपूर्ति को लेकर ’‘नलों में पानी नहीं आने पर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, तीन दिन से जलापूर्ति नहीं’’, शीर्षक से समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों पर जिला कलक्टर ने तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी और मौके पर जाकर आमजन को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
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पेयजल वितरण हुआ सुचारू, दो हैंडपम्पों में लगाए अतिरिक्त पाइप
सहायक अभियंता, पीएचईडी आसपुर उपखंड ने बताया कि आदिवासी एवं ब्राह्मण मोहल्ला वार्ड नंबर 3 में साबला में सोमवार सुबह पेयजल वितरण सुचारू कर दिया गया है। पेयजल पूर्व में 48 घंटे के अंतराल में हो रहा था, जिसे 72 घंटो के अंतराल में किया जा रहा है। इसके साथ ही बस्ती में हैण्डपम्प को ठीक करने के लिए रविवार को ही टीम को भेजा गया था। आदिवासी बस्ती वाले हैण्डपम्प में पूर्व में 7 पाइप थे, वाटर लेवल 80 फीट पर है एवं बोर की गहराई 150 फीट है। हैण्डपम्प में 3 पाइप अतिरिक्त बढ़ाए गए। वर्तमान में हैण्डपम्प सुचारू रूप से कार्य कर रहा है। वहीं, साबला के आदिवासी चौराहा पर हैण्डपम्प में पूर्व में 5 पाइप थे, वाटर लेवल 80 फीट पर हैं एवं बोर की गहराई 110 फीट है। हैण्डपम्प में अतिरिक्त 5 पाइप बढ़ाए गए। हैण्डपम्प सुचारू कार्य कर रहा हैं। पानी का लेवल डाउन होने एवं बोर गहराई कम होने से हैंण्डपम्प सीजनल अवस्था में है।
इसलिए हो रही थी समस्या
कनिष्ठ अभियंता, पीएचईडी आसपुर उपखंड ने बताया कि ग्रामीण जल योजना साबला वर्तमान में पाइप्ड जल योजना से लाभान्वित है। इस योजना को बेणेश्वर स्थित खुले कुए के माध्यम से जोड़ा गया है। इसी स्रोत को अस्थाई रूप से ग्रामीण जल योजना पिण्डावल से भी जोडा गया है। चूंकि पिण्डावल ग्राम भी वर्तमान में पाइप्ड जल योजना से लाभान्वित है। ग्राम पंचायत पिण्डावल का स्रोत (खुला कुआं) वर्तमान में सूख जाने से हर वर्ष की भांति ग्रीष्म ऋतु में पिण्डावल के लिए अस्थाई तौर पर लिए जाने वाले बेणेश्वर के पानी को समुचित ग्राम में सुचारू रूप से आरम्भ करने की वजह से एवं साथ ही पेयजल वितरण के दौरान विद्युत आपूर्ति आंशिक रूप से बाधित होने से साबला में समस्या उत्पन्न हो गई थी।
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