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डूंगरपुर। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह की पहल पर जिले में गर्भवती और धात्री महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से आशान्वित ब्लॉक झोंथरी में अभियान चलाया जा रहा है। सुबह 9 से शाम 5 बजे तक गांव-गांव में शिविर लगाए जाकर महिलाओं में हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच की जा रही है। वहीं, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और नेत्रहीन लोगों की घर-घर जाकर हीमोग्लोबिन की जांच की जा रही है।
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चार दिन में 1941 महिलाओं की जांच
झौंथरी ब्लॉक में मंगलवार तक महुड़ी पाल, गंधवा पाल, करावाड़ा, बीलपण, सांसरपुर, पाडली गुजरेश्वर ग्राम पंचायत में शिविरों में 1 हजार 941 गर्भवती और धात्री महिलाओं के रक्त में हीमोग्लोबिन की जांच कर आइरन सुक्रोज इंजेक्शन और आयरन और फोलिक एसिड की टेबलेट भी दी गई है। इस दौरान 11 महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 7 ग्राम से कम पाया गया, जिन्हें जिला चिकित्सालय में एडमिट करवाकर ब्लड चढ़ाया जाएगा। वहीं, 157 महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 7 से 9 ग्राम के बीच पाया गया। 1001 महिलाओं में 9 से 11 ग्राम के बीच हीमोग्लोबिन का स्तर मिला। 772 महिलाओं के रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर 11 ग्राम से अधिक पाया गया।
अभियान के प्रमुख बिंदुः
व्यापक जांचः झौंथरी ब्लॉक के सभी गांवों में शिविर लगाकर महिलाओं का हीमोग्लोबिन स्तर जांचा जा रहा है।
डाटाबेस निर्माणः एनीमिक महिलाओं का एक डेटाबेस बनाया जा रहा है ताकि उन पर नियमित नजर रखी जा सके।
उपचारः एनीमिक महिलाओं को आयरन युक्त दवाएं और आवश्यक उपचार प्रदान किया जा रहा है।
गंभीर मामलों में रेफरलः गंभीर मामलों में महिलाओं को जिला चिकित्सालय में रेफर किया जा रहा है।
मां और बच्चे का स्वास्थ्य हमारा लक्ष्यः जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह
जिला कलक्टर श्री अंकित कुमार सिंह ने कहा, “हमारी मंशा है कि जिले की हर गर्भवती महिला स्वस्थ रहे और स्वस्थ बच्चे को जन्म दे। हीमोग्लोबिन की कमी एक गंभीर समस्या है, जिसका सीधा असर मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस अभियान के माध्यम से हम एनीमिक महिलाओं की संख्या में कमी लाने और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं। सभी महिलाओं से अपील है कि वे शिविर में जाकर हीमोग्लोबिन की जांच कराएं।“
समीक्षा के बाद पूरे जिले में करेंगे लागू- सीएमएचओ डॉ. अलंकार गुप्ता
सीएमएचओ डॉ. अलंकार गुप्ता ने बताया कि 18 से 49 साल की रिप्रोडक्टिव एज गु्रप की जो महिलाएं हैं, उनमें एनीमिया की शिकायत रहती है, हमारा प्रयास है कि ऐसी सभी महिलाओं में हीमोग्लोबिन जांच करके एनीमिक महिलाओं का डाटाबेस बनाया जाए। ऐसी महिलाओं को नियमित रूप से फॉलोअप करके उनका हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ाएंगे। एनीमिक महिलाओं को आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन और टेबलेट दी जा रही है। यदि ज्यादा गंभीर एनीमिक है, तो जिला चिकित्सालय में एडमिट करवाकर ब्लड चढ़ाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झौंथरी आशान्वित ब्लॉक में एक माह तक कैम्प चलेंगे। एक माह बाद समीक्षा की जाएगी और इसके बाद पूरे जिले में लागू किया जाएगा।
बीसीएमओ डॉ. सुदर्शन मीणा ने बताया कि गर्भवती और धात्री महिलाओं में खून की कमी की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर आमतौर पर 11 से 16 ग्राम प्रति डेसीलीटर (हध्कस्) के बीच होना चाहिए। 9 से कम होने पर एनीमिया माना जाता है। यदि किसी गर्भवती महिला में हीमोग्लोबिन का स्तर 9 से 11 के बीच हो, तो आयरन सुक्रोज और आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट देकर बढ़ाया जा सकता है। 7 ग्राम से कम होना गंभीर माना जाता है और ऐसी महिलाओं को ब्लड चढ़ाना जरूरी होता है।
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