डूंगरपुर। मिट्टी और गोमय उत्पाद से बनी प्रतिमा को पार्थिव गणेश प्रतिमा के रूप में पूजा जाता है, इसके पूजन का महत्व कई गुना अधिक होता है और ये प्रतिमाएं शहरी स्वच्छता और पर्यावरण हेतु महत्पूर्ण संदेश देंगे। ये बात शहर के सभापति अमृत कलासुआ ने तहसील चौराहा स्तिथ गोमय उत्पाद से बनी पंचगव्य गणपति प्रतिमा की स्टॉल का शुभारंभ किया। इस मौके पर महावीर धर्मादा संस्था और गो गोपाल सेवा समिति के सदस्य मौजूद रहे।
सभापति ने कहा कि शहर में गणपति उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और आमजन अब इको फ्रेंडली गणपति की प्रतिमाओं को अपने मंडलों में स्थापित कर अच्छा संदेश दे रहे है। निश्चित रूप से गोमय उत्पाद से बने पञ्चव्य गणपति की प्रतिमाओं को घरों में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और पर्यावरण सरंक्षण का भी सुन्दर सन्देश देंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने आमजन से भी अपील करते हुए कहाकि अपने घरों और मंदिरों में मिट्टी और गोमय उत्पाद से गणपति प्रतिमा को ही घरो में विराजे और शहरी स्वच्छता एवं पर्यावरण का संदेश देवे। पहले ही दिन सभापति अमृत कलासुआ ने अपने कर कमलों से दिशि आशीष भावसार, उपेंद्र भावसार, तृप्ति भावसार सागवाड़ा, रोनक श्रीमाल, चंद्रवीर सिंह राठोड और कमलेश भगतानी को गोमय गणपति भेट किए।
घरों में बिराजे इको फ्रेंडली गणपतिः
गणेश चतुर्थी के निकट आते ही भगवान गणेश की प्रतिमा घर में स्थापित करने को लेकर भक्तों और गणेश मंडल के सदस्यों का उत्साह चरम पर है। गणेश चतुर्थी निकट आते ही कई भक्तों ने अपने घर में स्थापित करने हेतु गणेश प्रतिमा बुक करा ली है। आमतौर पर पहले सिर्फ मिट्टी से निर्मित गणपति की प्रतिमा को घरों और मंडलों में स्थापित किया जाता था पर धीरे-धीरे मिट्टी की जगह प्लास्टर ऑफ पेरिस ने लेे ली और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां खूब बिकने लगी है, पर इस पर सरकार ने पूर्णतया प्रतिबंध लगा रखा है पर ये मूर्तियां धड़ल्ले से बिक रही है। आज भी कुछ भक्त केवल मिट्टी के गणपति ही अपने घरों में स्थापित करते है। प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां जलाशयों के लिए हानिकारक है इसलिए सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है। शहर में भी गैप सागर जलाशय में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति को विसर्जित करने हेतु प्रतिबंधित कर रखा है।
गौ मय उत्पाद से बनी गणेश प्रतिमा देंगी गौ सेवा का संदेशः
शहर में इस बार गो सेवा हेतु समर्पित गौ गोपाल सेवा समिति द्वारा गोबर से निर्मित गणपति बनाए जा रहे हैं जो पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देने के साथ साथ गो सेवा का भी संदेश देंगे। सेवा समिति द्वारा गत दो महीने से इसकी तैयारी करते हुए इस वर्ष 151 गोमय उत्पाद से निर्मित गणपति की प्रतिमा बनाई है। सेवा समिति द्वारा गो सेवा के उद्देश्य से इस वर्ष शहर के तहसील चौराहे पर इसकी एक स्टॉल लगाई जाएगी। पहली बार शहर में गोमय उत्पाद से बनी गणपति की प्रतिमा भक्तों हेतु उपलब्ध रहेगी जिसकी राशि गो ग्रास हेतु गौशाला में समर्पित की जाएगी।
दो महीनों में बना डाली 151 गणपति प्रतिमाः
गौ सेवा एवं समाज सेवा हेतु तत्पर गौ भक्त मनीष भावसार जो शहर में ही निवासरत है। इन्होंने गणेश चतुर्थी पर गो और पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देते हुए अपने ही घर पर गोबर से निर्मित गणपति की 151 प्रतिमाएं बनाई है। इस कार्य में इनके पुत्र सुयश भावसार ने भी सहयोग किया है। मनीष ने बताया कि भारतीय संस्कृति व धार्मिक परंपराओं में गौ माता को पूजनीय उच्च स्थान प्राप्त है दूध गोबर गौमूत्र का ऋषि काल वैदिक परंपरा काल से मानवीय स्वास्थ्य के प्रति लाभकारी उपयोग रहें हैं। आज के आधुनिक व वैज्ञानिक रूप में गौ स्पर्श, पंचगव्य चिकित्सा और तों और रेडिएशन से सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान है जों कि विज्ञान ने भी अंगीकार किया है पंचगव्य उत्पादन आज ऑनलाइन बाजार में भी उपलब्ध है।कच्छ छत्तीसगढ़ के गौसेवकों के सुझाव सहयोग से प्रेरित होकर गौ गोपाल सेवा समिति के मनीष भावसार ने नगर पंचगव्य उत्पादन बनाने पहल की।
सेवा समिति बना चुकी है 51 हजार गोमय दीपकः
इस वर्ष 21 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरे देश ने उल्लास के साथ मनाया और घरों में दीपक जलाकर दिवाली मनाई थी। शहर में भी इस उत्सव को बड़े ही उल्लास के साथ मनाया था इस प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बनाने के उद्देश्य से गौ गोपाल सेवा ने गोशाला में शहर के गो भक्तो के सहयोग से 51 हजार गोबर से निर्मित गोमय दीपक बनाए थे और शहर में वितरित किए थे।
इस कार्यक्रम की सफलता के बाद ही सेवा समिति ने गोमय उत्पाद बनाने शुरू किए थे।
सेवा समिति द्वारा प्रत्येक रविवार को गोशाला में गोग्रास की सेवा भी करती है साथ ही सेवा समिति द्वारा इस वर्ष पर्यावरण सरंक्षण हेतु गौशाला में सघन वृक्षारोपण भी किया गया। सेवा समिति का उद्देश्य है कि सभी सनातनी गो माता की सेवा हेतु आगे आए और गौशाला में गोवंश की सेवा हेतु गोग्रास में सहयोग करे।
शुभारंभ कार्यक्रम में महावीर धर्मादा संस्था के हेमेंद्र मेहता, गौ गोपाल सेवा समिति के मुकेश द्विवेदी, रुपेश भावसार, डॉ भरत खत्री, मनीष भावसार, विनय श्रीमाल, आचार्य संजय पंड्या, अनंत जैन, पार्षद राजेश रोत, कन्हैयालाल श्रीमाल आदि मौजूद रहे।
10,900 करोड़ के पीएम ईवी स्कीम को मंत्रिमंडल की मंजूरी
छोटा शकील के साथी भरत जोटवानी ने अमेरिका में पीएम का इवेंट मैनेज किया था : पवन खेड़ा
चीन एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता, भारतीय सेना मुस्तैदी से तैनात : आचार्य प्रमोद कृष्णम
Daily Horoscope