धौलपुर। जिले की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने फर्जी अंकतालिका के
आधार पर लड़े सरपंच के चुनाव को निरस्त कर दिया हैं। ग्राम पंचायत रजौरा कला
पंचायत समिति सैपऊ का मामला है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अधिवक्ता महेश कुमार भार्गव ने
बताया कि 20 जनवरी 2015 को पंचायत चुनाव के अंतर्गत पंचायत समिति सैपऊ की
ग्राम पंचायत रजौरा कला में सरपंच का चुनाव हुआ था जिसमें राजस्थान सरकार
ने संशोधन के आधार पर पंचायत चुनाव के लिये शैक्षिक योग्यता संरपच चुनाव के
लिये कक्षा 8 निर्धारित की थी। जिसमें भरतसिंह पुत्र लालचंद सर्वाधिक
वोटों के आधार पर विजेता रहे थे। चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी
सोवरन सिंह पुत्र मनीराम,ग्राम सालेपुर ने पंचायत राज्य अधिनियम 1994 के
अधीन चुनाव याचिका प्रस्तुत की और लड़ने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षणिक
योग्यता कक्षा 8 पास होना आवश्यक थी।
न्यायालय में सोवरन सिंह ने 4 फरवरी
2015 को चुनाव याचिका प्रस्तुत कर,विजेता उम्मीदवार भरतसिंह की शैक्षिक
योग्यता को फर्जी बताया। भरत सिंह ने अपने आवेदन में पन्नालाल उच्च
माध्यमिक विधालय नगला दधिराम फतेहपुर सीकरी आगरा के प्रधानाचार्य के साथ
मिलकर फर्जी बनाकर प्रस्तुत की थी। निर्वाचन अधिकारी द्वारा जब भरत सिंह की
अंक तालिका की जांच कराई गयी तो उक्त अंक तालिका फर्जी पायी गयी। जिस पर
निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को उचित कार्यवाही हेतु प्रकरण
प्रेषित किया गया था। जिस पर जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस थाना सैपऊ
में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिसमें भरत सिंह व उच्च माध्यमिक विधालय नगला
दधिराम फतेहपुर सीकरी आगरा के प्रधानाचार्य चन्द्रषेखर शर्मा के विरूद्व
चालान पेश किया। प्रकरण पर सुनवाई करते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
प्रीति नायक ने जिला निर्वाचन अधिकारी को आदेशित किया है कि तत्काल
प्रभाव से ग्राम पंचायत रजौरा कला के सरपंच भरतसिंह को सरपंच पद से कार्य
मुक्त करे और ग्राम पंचायत रजौरा कला में नियमानुसार पुनः चुनाव कराया
जावे।
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