धौलपुर। अतिरिक्त जिला कार्यक्रम ईजीएस एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद सुदर्शन सिंह तौमर ने बताया कि पंचायत समिति बाडी की ग्राम पंचायतों में 1 मई से 15 मई तक की अवधि महानरेगा कार्याें की स्वीकृति उपरांत जारी मस्टररोल में कार्याें व श्रमिकों के विवरण इत्यादि के संबंध में विभिन्न अधिकारियों द्वारा गहन मौका निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण हेतु आवंटित ग्राम पंचायतों व क्रियाशील सामुदायिक कार्यों के निरीक्षण उपरांत संबंधित अधिकारीगण द्वारा प्रस्तुत महानरेगा कार्याें की कार्यवार निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। निरीक्षण के दौरान मनरेगा कार्यस्थलों पर विभिन्न अनियमितताऐं पाई गईं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महानरेगा कार्यों में अनियमितताएं बरते जाने पर 13 ग्राम विकास अधिकारियों को राजस्थान सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम 1958 के नियम 17 के तहत आरोप पत्र जारी किए गए हैं।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि महानरेगा अधिनियम व राज्य सरकार द्वारा योजना के सफल कियान्वयन हेतु समय-समय पर जारी विभागीय निर्देशों के विरूद्ध कई दायित्वों का न तो इन कार्मिकों द्वारा निरीक्षण किया गया है एवं न ही नियमित रूप से मॉनिटरिंग किया जाना पाया गया है।
इस कारण कार्यस्थलों पर महानरेगा श्रमिकों को अधिनियम अनुसार आवश्यक सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।
निरीक्षण दिवस से पूर्व प्रतिदिन एनएमएमएस पोर्टल पर मस्टररोल अनुसार श्रमिकों की संख्या लगभग शत-प्रतिशत होना एवं निरीक्षण दिवस को अचानक कम पाया गया है एवं राजकोष को क्षति पहुंचाए जाना आरोपित किया गया है।
ग्राम पंचायत अजीतपुरा, बहादुरपुर, बरपुरा, बसईडांग, बिजोली, दूं का पुरा, धनौरा, गढ़ी सुक्खा, लखेपुरा, नकसोंदा, नोहरा, सहेड़ी और सिंगौरई के ग्राम विकास अधिकारियों को 17 सीसीए के आरोप पत्र जारी किये गये हैं।
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