कुम्हेर। बाल विकास परियोजना ने इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना (आईजीएमपीवाई) के अंतर्गत राजस्थान में गत तिमाही में कुम्हेर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। सीडीपीओ महेंद्र अवस्थी ने जानकारी दी कि यह उपलब्धि कुम्हेर की समर्पित टीम के निरंतर प्रयासों और जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों का परिणाम है।
इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना, जो राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना है, का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति करना है। इस योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे गर्भावस्था के दौरान और बाद में उचित पोषण और देखभाल सुनिश्चित कर सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महेंद्र अवस्थी ने बताया कि कुम्हेर परियोजना ने ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में योजना के कुशल कार्यान्वयन और जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लाभार्थियों की संख्या, समय पर भुगतान और प्रभावी मॉनिटरिंग के कारण परियोजना को यह सम्मान मिला है। उन्होंने योजना के तहत टीम के सदस्यों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और समर्पण की भी सराहना की।
इस सफलता के बाद कुम्हेर परियोजना अब अन्य क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई है, और यह उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। गौरतलब है कि कुम्हेर परियोजना का संचालन समृद्ध ग्राम्य अभियान द्वारा किया जा रहा है।
क्या है इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना:
यह योजना गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता के रूप में ₹6000 प्रदान करती है, जो महिलाओं के पोषण और देखभाल के लिए उपयोग की जाती है। योजना का लक्ष्य मातृ मृत्यु दर को कम करना और गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
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