दौसा। खवारावजी गांव की हट्यावाली ढ़ाणी में बैरवा समाज में दहेज के रुपए वापस लौटाकर एक रूपया एवं नारियल लेकर शादी कर अनूठी मिसाल पेश की है। राहुवास तहसील के गुढ़ा सम्पतपुरा से मांगीलाल बैरवा पुत्र कालूराम बैरवा का विवाह रेशमा बैरवा पुत्री गोविन्द नारायण बैरवा निवासी खवारावजी से सामाजिक रस्में एवं परम्पराओं के साथ धूमधाम से संपन्न हुआ। विवाह की में वर मांगीलाल बैरवा के पिता कालूराम बैरवा ने दहेज को एक सामाजिक बुराई बताते हुए बड़ी ही विनम्रता के साथ दुल्हन पक्ष को दहेज़ का सामान वापस लौटा दिया और नारियल और एक रुपए लेकर समाज के समक्ष एक अनूठी मिसाल पेश की।
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सामाजिक सरोकार की भावना रखने वाला दूल्हा मांगीलाल बैरवा पिछले 8 वर्षों से युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के नेहरू युवा केन्द्र दौसा, सुचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, आरोह फाउंडेशन एवं अन्य संगठनों से जुड़ कर समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में मांगीलाल बैरवा आपणी उड़ान फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। दहेज प्रथा के खिलाफ मांगीलाल बैरवा के इस प्रशंसनीय कदम को संपूर्ण खवारावजी गांव, गुढ़ा सम्पतपुरा के निवासी तथा विवाह में मौजूद सभी लोगों ने एक अनूठी और अनुकरणीय मिसाल बताया तथा बधाइयां दी।
सामाजिक कार्यकर्ता नरेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि विवाह में दुल्हन ही वास्तविक दहेज है। इस बात को चरितार्थ करने में पूरा परिवार और रिश्तेदार प्रसन्न हैं। समाज में इस प्रकार की पहल से दौसा-टोंक के गांवों में सराहनीय कदम बताया गया है। इस अवसर पर आपणी उड़ान फाउंडेशन कोषाध्यक्ष हरिमोहन राजोरिया, महर कटारिया, अजय गुप्ता, अशोक कुवाल, नवीन चौधरी, दिनेश सैनी, तेजपाल मोर्य, नरेन्द्र बडोलिया, राजेन्द्र कुमार सैनी, गुमान सिंह, हीरालाल महावर, शेर सिंह, नरेन्द्र फुलवारिया आदि ने इस देहज मुक्त शादी में शिरकत की तथा इस कदम की प्रशंसा की।
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