दौसा (ब्यूरो)। किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा की पर्ची सरकार का बजट सामंती व्यवस्था को समर्पित है। इस बजट में सिर्फ़ मुग़ल काल के बनाए गए किलों और महलों को पुनर्जीवित करने की घोषणाएं की गई है। किसान,मज़दूर गांव खेत गरीब की बात नहीं की है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार का बजट पूर्णतया दिशाहीन है। बजट भाषणवीरों की थोथी घोषणाओं, झूठे तथ्यों एवं हताशा से भरा हुआ था। 21 ज़िलों की जीवनदायनी परियोजना ईआरसीपी को उन्होंने पीकेसी बनाया पर पीकेसी का भी सम्पूर्ण बजट नहीं दिया। यह परियोजना कब पुरी होगी इसका कोई ज़िक्र नहीं है।
बजट में किसान के लिए एमएसपी का कोई ज़िक्र नहीं किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किसानों की कृषि लागत कम करने, आमजन को महंगाई से राहत देने एवं गरीब को 25 लाख तक निशुक्ल इलाज देने का कोई प्रयास नहीं दिखा। बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं, नौकरीपेशा एवं मध्यमवर्ग के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की भी उपेक्षा की गई। एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग की उपेक्षा की गई है। एमबीसी आरक्षित वर्ग का एक शब्द भी बजट में नहीं है।
भाजपा सरकार बजट में वो सारे वादे भूल गई जिनकी घोषणा उन्होंने अपने संकल्प पत्र में की थी।
इस बजट की धरातल पर क्रियान्विति भी दूर-दूर तक नज़र आना मुश्किल है। राजस्थान सरकार का बजट जनता के हित में खास नहीं है।
समाज सेवी नवल किशोर भांकरी ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा जो बजट पेश किया है वो युवाओ के हित में है। लेकिन महंगाई से राहत के लिए डीजल पेट्रोल रेट कम करने की उम्मीद धरी रह गयी। जनता को पानी के लिए भी राहत मिल सकती है। लेकिन इस बजट में किसानों को कोई फायदा नहीं मिला। महिलाओं के लिए बजट में कुछ नहीं दिया।
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