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दौसा। भारत स्काउट एवं गाइड जिला संघ की ओर से जिला मुख्यालय पर विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना और छोटे-छोटे प्रयासों से बड़े बदलाव की ओर प्रेरित करना रहा।
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मुख्य अतिथि सीडीईओ इंदिरा गुप्ता ने अपने वक्तव्य में कहा कि, “हर परिवार एक छोटा संसार है। यदि हम इस छोटे संसार को पर्यावरण के प्रति जागरूक, जिम्मेदार और संवेदनशील बना सकें, तो संपूर्ण पृथ्वी पर सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्यावरण हमारी जीवनरेखा है और इसे संरक्षित करना, दरअसल स्वयं को सुरक्षित करना है।
छोटे कदम, बड़ी उपलब्धि
दौसा जिला स्काउट गाइड अध्यक्ष सुशील शर्मा ने कहा कि बड़े बदलाव की शुरुआत छोटे कदमों से ही होती है। उन्होंने कहा, "अगर हम 10 प्लास्टिक के डब्बों में से एक को भी हटाकर किसी पर्यावरण हितैषी विकल्प को चुनते हैं, तो यह भी एक बड़ी सफलता होगी।" उन्होंने जूट के थैले और कपड़े के बैग के नियमित उपयोग की बात करते हुए प्लास्टिक मुक्त जीवन की आवश्यकता पर बल दिया।
जल संरक्षण पर विशेष ज़ोर
सीओ स्काउट प्रदीप सिंह ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जल ही जीवन है और इसके संरक्षण के प्रति संवेदनशील होना अनिवार्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि स्थानीय नदी, तालाब और सरोवरों की साफ-सफाई और संरक्षण के लिए जनचेतना अभियान चलाया जाए।
वृक्षारोपण से जागरूकता
संघ के सचिव ओम प्रकाश शर्मा ने भविष्य में वृक्षारोपण कार्यक्रमों की शृंखला चलाने की बात कही और समाज के युवाओं से इसमें भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल पर्यावरण के प्रति चेतना जगाते हैं, बल्कि सामुदायिक सहभागिता को भी मजबूत करते हैं।
पेड़-पौधों की भूमिका पर प्रकाश
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. संजीव रावत ने पर्यावरण की रक्षा में पेड़-पौधों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, "पेड़ केवल ऑक्सीजन नहीं देते, बल्कि तापमान नियंत्रित करते हैं, जल स्रोतों की स्थिरता बनाए रखते हैं, जैव विविधता को सुरक्षित करते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारते हैं।" उन्होंने अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति वर्ष में कम से कम एक पौधा लगाकर उसकी देखभाल करे।
प्रतियोगिताओं के ज़रिए जागरूकता
कार्यक्रम के तहत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय रामकुंड और लिटिल चॉइस स्कूल द्वारा आयोजित अभिरुचि शिविरों में छात्र-छात्राओं ने चित्रकला, निबंध लेखन और रंगोली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। बच्चों ने अपने रचनात्मक कार्यों के माध्यम से पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं को जीवंत किया, जिससे लोगों में गहरी संवेदनशीलता जागृत हुई।
कार्यक्रम में विष्णु कुमार, नरेश कुमार, ओमप्रकाश मीणा, जगदीश बुनकर, दिनेश गिनी, गरिमा शर्मा, मधु गुप्ता, बृजमोहन मीणा, हरिओम शर्मा, कालूराम, जय सिंह, विपिन, कुलदीप राजपूत, हीरालाल महावर और अर्पिता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इन सभी ने एक सुर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
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