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दौसा। परशुराम जयंती के अवसर पर मंगलवार को ब्राह्मण समाज ने आस्था, परंपरा और आत्मगौरव के भाव से ओतप्रोत भव्य शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा की शुरुआत शहर के ऐतिहासिक सोमनाथ महादेव मंदिर से वैदिक मंत्रोच्चार और विधिविधान से पूजा-अर्चना के साथ हुई। ढोल-नगाड़ों की गूंज, घोड़ियों के लवाजमे और रथों की भव्यता ने शहर को परशुराममय कर दिया।
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शोभायात्रा सोमनाथ महादेव मंदिर से आरंभ होकर आगरा रोड, पीजी कॉलेज, गांधी तिराहा, लालसोट रोड, सिद्धिविनायक मंदिर, रामकरण जोशी स्कूल, नागौरी मोहल्ला, गुप्तेश्वर दरवाजा, जिला अस्पताल होते हुए चाणक्य छात्रावास पहुंची। रास्ते भर श्रद्धालुओं और आम नागरिकों ने पुष्पवर्षा की, जलपान-फल वितरण और शीतल पेय की सेवा से भक्ति का परिचय दिया।
शोभायात्रा का आकर्षण भगवान परशुराम की जीवंत झांकी और लोहार्गल धाम के महामंडलेश्वर अवधेशाचार्य महाराज तथा संतोषानंद महाराज की उपस्थिति रही। वहीं रथ पर विराजित परशुराम प्रतिमा ने जैसे पुरानी परंपराओं को सजीव कर दिया। शोभायात्रा के दौरान पहलवानों द्वारा तलवारबाजी के करतब और रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने माहौल को रोमांचक बना दिया।
चाणक्य छात्रावास में भगवान परशुराम की महाआरती के साथ शोभायात्रा का समापन हुआ। इस अवसर पर लोहार्गल पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज ने कहा— "केवल शास्त्र नहीं, शस्त्र की विद्या भी आवश्यक है। सनातन की रक्षा के लिए प्रत्येक घर में शस्त्र होने चाहिए।" वहीं संतोषानंद महाराज ने समाज को एकजुट रहने का संदेश दिया— "समाज की मजबूती संगठन में है।"
शोभायात्रा के चाणक्य छात्रावास पहुंचने पर गौड़ सनाढ्य ब्राह्मण सभा के जिलाध्यक्ष वैद्य लक्ष्मीकांत शर्मा और कार्यकारिणी ने पुष्पवर्षा कर संतों और समाजबंधुओं का स्वागत किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक शंकर शर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुरेश घोसी, पुष्पा घोसी, आयोजन समिति से शिवचरण गुरु का खेड़ा, अरुण रेंजर, सुभाष शर्मा, रितेश खैरवाल, सत्यनारायण खवा, रमेश मुही, सत्यनारायण दुब्बी, रामजीलाल मुंशी सहित बड़ी संख्या में समाज के महिला-पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।
शोभायात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज की एकजुटता, गौरव और संस्कृति का सजीव प्रतीक बन गई।
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