दौसा/जयपुर। 30 दिसम्बर 2023 को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के संबंध में दौसा के भगवान देवनारायण मंदिर में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों में प्रमुख रूप से मोहन सिंह गुर्जर, बाबूलाल गुर्जर, नमो नारायण मीणा, भरतलाल अगावली, पवन भजाक, ख्यालीराम मीणा, श्रीमती राजेश्वरी मीणा, रवि कुमार, जवान सिंह मोहचा, बत्ती लाल बैरवा की उपस्थिथि में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया l इस प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर 7 दिन में पक्ष प्रस्तुति हेतु समय की विनती की गयी है l इसी क्रम में 9 जनवरी मंगलवार को दौसा जिले की कलेक्ट्रेट पर एकत्र होकर धरना आयोजित किया जायेगा, जिसमे आगे की रणनीति घोषित की जाएगी l सरकार का सकारात्मक उत्तर होने पर धन्यवाद ज्ञापन किया जाएगा अन्यथा आगे के संघर्ष के लिए शंखनाद किया जाएगा l
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ कहावत को चरितार्थ करने के प्रयोजन से 2 लाख 2 हजार 342.821 हेक्टर को 5 लाख एकड़ एवं 80 हजार 937.128 हेक्टर को 2 लाख एकड़ दर्शाने का काम किया जा रहा है । दूसरी ओर राजस्थान में नई सरकार बनते ही इस परियोजना का काम आरंभ होने का संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है । जबकि इस परियोजना कोटा जिले के पीपल्दा तहसील में नवनेरा बांध का निर्माण कार्य 90% से अधिक तथा टोंक जिले में बीसलपुर बांध का काम 75 % से अधिक पूरा हो चुका है । यह काम वर्ष 2018 से आरंभ होकर निरंतर चल रहा है । इसके अतिरिक्त पीने के पानी के लिए दौसा जिले तक पाइपलाइन डालने का काम प्रगति पर है । इतना ही नहीं तो पिछले 5 वर्षों में इस परियोजना पर 14,200 करोड रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं।
27 दिसंबर को दिल्ली में हुई राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के अधिकारियों की बैठक में तो नया एम ओ यू के लिए ही सहमति बनी है । जो पूरी परियोजना के काम को नए सिरे से आरंभ करने की ओर संकेत करता है । इससे तो ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ का मुहावरा सही होता दिख रहा है । इस परियोजना का मुख्य मुद्दा वर्ष 2017 की डीपीआर के अनुसार राजस्थान को प्राप्त होने वाले पानी की मात्रा 3510 मिलियन घन मीटर है । जबकि केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए पार्वती, कालीसिंध, चंबल लिंक परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के साथ जोड़ने के प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान को प्राप्त होने वाले पानी की वास्तविक मात्रा 1775 मिलियन घन मीटर रह जाएगी । तथापि केंद्र का जल शक्ति मंत्रालय पीने के पानी से व्यर्थ जा रहे पानी के संग्रहण के आधार पर 689 मिलियन घन मीटर पानी इसमें जोड़ रहे हैं, जो पूर्णत अव्यावहारिक है।
फेक न्यूज पर सोशल मीडिया को जवाबदेही बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
मुख्यमंत्री काफिले में हादसा : घायल एएसआई ने इलाज के दौरान दम तोड़ा, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
शेहला राशिद ने 370 से पहले घाटी में सेना की कार्रवाई पर एजेंडा चलाने वालों को किया 'बेनकाब'
Daily Horoscope