दौसा (ब्यूरो)। ईआरसीपी संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में ERCP को 50 प्रतिशत जल निर्भरता पर राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर आज किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। धरने में 13 जिलों के किसानों ने भाग लिया।
किसानों का कहना है कि दौसा, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, टोंक जयपुर सहित 13 जिलों की जीवनदायनी ERCP को सरकार राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे। इसमें पीने के साथ साथ खेती बाड़ी के लिए नहर द्वारा पानी उपलब्ध हो, जिससे किसानों को सिंचाई का पानी मिल सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धरने में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में प्रदेश मंत्री बत्तीलाल बैरवा, इंदल सिंह, मोहन सिंह, ERCP महिला प्रदेशाध्यक्ष राजेश्वरी मीणा, नवल जोध्या, अशोक रैणी, छोटेलाल पूर्णवास, रामावतार मालावास आदि ने भाग लिया। भरत मीणा अगावली ने बताया कि धरना 26 जनवरी तक चलेगा।
यह हैं किसानों की मांगें:
वर्ष 2017 की डीपीआर के अनुसार इस परियोजना को 50% की जल निर्भरता पर तैयार किया जाए, जिससे राजस्थान को मिलने वाले पानी की मात्रा 3510 मिलियन घन मीटर से कम नहीं हो। राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर कुल लागत की 90% राशि केंद्र से प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। इस वर्ष के बजट/लेखानुदान में लागत की सम्पूर्ण राशि का आवंटन कर अधिकाधिक टेंडर किए जाएं, जिससे इस परियोजना का कार्य 2 वर्ष में पूर्ण हो सके। राजस्थान की जीवनदायिनी इस परियोजना में प्रस्तावित सहित अन्य बांधों को जोड़ते हुए इसे सिंचाई प्रधान रखा जाए।
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