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दौसा। दौसा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने सोमवार को सैंथल मोड़ शक्ति केंद्र पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया.
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कार्यक्रम के संयोजक नरेंद्र सोती ने बताया कि बलिदान दिवस के अवसर पर जिलाध्यक्ष लक्ष्मी रेला और नगर अध्यक्ष राजेश शर्मा मुख्य वक्ता रहे. जिलाध्यक्ष लक्ष्मी रेला ने डॉ. मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक महान दार्शनिक और शिक्षाविद् बताया. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने नेहरू-लियाकत समझौते से आहत होकर नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. 1951 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सहयोग से भारतीय जनसंघ पार्टी की स्थापना की, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में बदल गई. रेला ने यह भी बताया कि डॉ. मुखर्जी ने सर्वप्रथम कश्मीर में धारा 370 का विरोध किया था और उसी आंदोलन के दौरान कश्मीर में शहीद हुए. उनके सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 हटाकर पूरा किया.
शहर अध्यक्ष राजेश शर्मा ने डॉ. मुखर्जी के प्रसिद्ध नारे "एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं हो सकते" पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि 23 जून को ही डॉ. मुखर्जी का निधन हुआ था, जिसे बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इस अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. मंच संचालन शहर मंत्री राजेश शर्मा ने किया. कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. प्रभु दयाल शर्मा, पूर्व नगर अध्यक्ष विपिन जैन, पंचायत समिति सदस्य किशोरी लाल बैरवा, शक्ति केंद्र संयोजक वेदप्रकाश जोशी, मीडिया प्रभारी राजेश तिवारी, शहर उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राजपूत, शहर मंत्री पंकज महेश्वरा, ऋषिराज मीना, पूर्व शहर मंत्री अजय मीना, विनोद शर्मा, मुकेश जांगिड़, महावीर डोई, मुनेश सैनी, प्रमोद गौतम, डॉ. प्रिया शर्मा, पुष्पेंद्र लाटा, राधेश्याम मीना, विनोद गौड़, जितेंद्र शास्त्री, हीरालाल सोनी, लक्ष्मी जांगिड़ सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
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