दौसा। अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर नांगल प्यारीवास स्थित मीणा हाईकोर्ट में शुक्रवार को आदिवासी महोत्सव का आयोजन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद किरोड़ीलाल मीणा कार्यक्रम में बेझिझक बोले।
मीणा ने कहा कि मैंने भजनलाल सरकार में मंत्री पद को इसलिए ठोकर मार दी, क्योंकि जहां मैं 45 साल से सेवा कर रहा हूं, उन लोगों ने मेरी बात को नहीं रखा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले लोग कहते थे कि मोदी आएगा तो आरक्षण खत्म कर देगा। लेकिन मोदी तो आ गया। मैं इस हाईकोर्ट में कहकर जा रहा हूं कि मोदी के रहते हुए मेरी जिम्मेदारी है कि आरक्षण के नाम पर पत्ता तक नहीं हिलने दूंगा। चाहे मेरी छाती छलनी हो जाएगी लेकिन आरक्षण के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होने दूंगा। सुप्रीम कोर्ट क्रीमिलेयर की व्यवस्था लागू करना चाहता है, क्योंकि लोग आरक्षण का फायदा उठाने के बावजूद मलाई खा रहे हैं। ऐसे में हमारे ही वंचित भाइयों को भी आरक्षण का हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब किरोड़ीलाल, नमोनारायण, हरीश मीणा, मुरारीलाल, जसकौर, रामकिशोर मीणा आदि के पेट में दर्द हो रहा है, क्योंकि किसी का अधिकार कटता है तो वो चिल्लाता ही है। आपको बहकाने वाले आएंगे, उनसे सावधान रहना। आपके हक अधिकारों की रक्षा करने का भरोसा दिलाता हूं। फिर भी कोर्ट के फैसले से कोई नुकसान होगा तो बलिदान देने के लिए तैयार हूं। लेकिन आपको नुकसान नहीं होने दूंगा।
मीणा हाईकोर्ट में हो रहे निर्माण कार्य में किरोड़ी पर लगे कमाई के आरोप पर भी उन्होंने विरोधियों को जवाब दिया और कहा कि मैं बजरंग बली तरह तो हूं नहीं कि छाती चीरकर बता दूं। लेकिन पपलाज माता व मेरी जननी मां की कसम खाकर आपके बीच कह रहा हूं कि हाईकोर्ट के निर्माण में एक पाई नहीं कमाई। बल्कि सारा समाज को समर्पित करने का वादा करता हूं। गुर्जर आरक्षण पर उन्होंने कहा कि 2007 में जब एसटी आरक्षण पर आंच आई थी, तब मीणा समाज के 33 विधायक थे। उस वक्त सभी ने साथ देने का भरोसा दिया था, लेकिन सिर्फ 2 विधायकों ने ही साथ दिया। उससे आरक्षण की चिट्ठी तो रुक गई लेकिन मैं बिना किसी बात के गुर्जर समाज के निशाने पर आ गया। मैंने उस वक्त भी समाज को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी। अब मैं भरोसा दिलाता हूं कि गुर्जर समाज की जो भी मांगे पेंडिंग रही हैं, उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दूंगा, चाहे मैं सरकार में रहूं या नहीं। मंत्री पद से इस्तीफे पर किरोड़ीलाल ने कहा कि मैंने इस्तीफा दे रखा है। आपको दुख तो
नहीं हुआ होगा, लेकिन छाती पर हाथ रखकर सोचना मैंने पार्टी के इतर जाकर सर्व समाज की मदद की है। आप चाहो तो वोट देना या नहीं। लेकिन आधी रात में भी आपके लिए खड़ा मिलूंगा। आज कोई चुनाव नहीं है, मैंने 2018 में मोदी को बुलाया और सभी 5 सीट जिताने का भरोसा दिलाया, लेकिन हार गए। मेरा वजन कमजोर हो गया, अब फिर मोदी आए तो दौसा, करौली, सवाई माधोपुर फिर हार गए। ये हार-जीत का सिलसिला चलता रहता है, लेकिन समय के साथ जनता साथ नहीं देती तो हम सब कमजोर होते हैं।
सभा स्थल तक किरोड़ी रथ में सवार होकर पहुंचे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं। इस दौरान सभी नेताओं ने आदिवासी संस्कृति को आगे बढ़ाने की अपील की।
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