दौसा। दौसा जिले के बिशनपुरा और नांगल गोविंद ग्राम पंचायतों में भारत की परमाणु सहेली डॉ. नीलम गोयल के संयोजन में एक विशेष अमृत पर्यावरण उत्सव का आयोजन किया गया। इस उत्सव में युवा आईआईटीयन विप्र गोयल ने अपने वक्तव्य और कार्यशाला के माध्यम से पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला।
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उत्सव के दौरान विप्र गोयल ने ग्रामीणों के साथ गहराई से चर्चा की और पर्यावरण के घटक जैसे पेड़-पौधे, हवा, जल, जमीन, जन, जानवर और पशु-पक्षी के बीच के आपसी संबंधों को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि ये सभी तत्व आपस में जुड़े हुए हैं और यदि इनमें से कोई एक तत्व कमजोर होता है तो बाकी भी प्रभावित होते हैं। विशेष रूप से जल की कमी का प्रभाव कृषि, पेड़-पौधे, और सभी जीवों पर पड़ता है, जिससे जीवन में परेशानियाँ और तनाव उत्पन्न हो जाता है।
विप्र गोयल ने पुरानी बारिश की परिस्थितियों और वर्तमान स्थिति में बदलाव पर भी बात की। उन्होंने बताया कि पहले हर 15 दिनों में निरंतर बारिश होती थी, जिससे भूजल स्तर स्थिर रहता था। लेकिन अब बारिश का पानी तेजी से बह जाता है और भूजल स्तर में कमी आ रही है। इसके परिणामस्वरूप जमीन सूख रही है और कृषि कार्यों के लिए आवश्यक पानी की कमी हो रही है।
उत्सव के दौरान राजस्थान की प्रसिद्ध मारवाड़ी टीम ने अपनी कला और नृत्य से जनता को मनोरंजन और जागरूकता का अनुभव कराया। विप्र गोयल ने ग्रामीण परिवारों की बुनियादी आवश्यकताओं और समस्याओं पर खुलकर चर्चा की और समाधान के लिए सुझाव दिए।
विप्र गोयल ने अशिक्षित और अर्द्धशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और सही मार्गदर्शन पर भी चर्चा की। उन्होंने ग्रामवासियों को रोजगार सृजन और शिक्षा के महत्व के बारे में बताया और एक कारगर समाधान की दिशा में मार्गदर्शन किया।
इस उत्सव ने न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई बल्कि ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए।
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