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दौसा (ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव-2023 को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी कमर चौधरी ने मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन कर दिया है।
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जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार किसी भी मीडिया प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक में प्रकाशित प्रसारित समाचार या विशलेषण जिसका मूल्य नगद या वस्तु में दिया गया हो तो उस पर पेड न्यूज़ लागू होगी।
जानिए क्या है पेड न्यूजः
जिला निर्वाचन अधिकारी कमर चौधरी ने बताया कि समाचार का उद्देश्य सूचना प्रदान करना है एवं विज्ञापन का उद्देश्य बढ़ावा देना या प्रोन्नत करना है। समाचार निष्पक्ष होता है जबकि विज्ञापन का मूल्य होता है। जिले में मतदाताओं पर गलत तरीके से प्रभाव डालना। उन्हें भ्रमित करना, सोचने के अधिकार पर प्रभाव डालना, चुनाव पर प्रभाव डालना, इस आशय से प्रकाशित और प्रसारित किए गए समाचारों को पेड न्यूज़ में शामिल माना जाएगा।
साथ ही एक ही लेख, फोटो, हैडलाइन यदि अलग-अलग प्रकाशनों में छपती है या तो भिन्न लेखक के नाम से या थोड़े से वाक्य के साथ किसी विशेष समाचार पत्र में प्रत्याशियों के प्रशंसात्मक लेख प्रकाशित होते हैं या किसी विशेष प्रत्याशी की अत्यधिक प्रशंसा एवं जीत की संभावना, किसी एक की अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक कवरेज हो तो इसको भी पेड न्यूज की श्रेणी में माना जाएगा।
नामांकन की तिथि से पेड न्यूज़ निर्धारित की जाएगीः
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नामांकन की तिथि से पेड न्यूज़ निर्धारित की जाएगी। पेड न्यूज़ की लागत डीएवीपी या डीआईपीआर में से जो न्यूनतम हो, से ज्ञात की जाएगी। डीएवीपी दर नहीं होने पर डीपीआर दर से पेड न्यूज़ की लागत निर्धारित की जाएगी। उन्होंने बताया कि पेड न्यूज़ की जांच करने के लिए जिला स्तर पर एक एमसीएमसी कमेटी का गठन किया गया है।
प्रिंट मीडिया विज्ञापनों के लिए प्रत्याशी की सहमति जरूरीः
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी पेड न्यूज से संबंधित शिकायतों एवं प्रकरणों की जांच, सभी मीडिया का स्कैन करना, विज्ञापन प्रमाणन समिति द्वारा प्रमाणीकरण हेतु विज्ञापन को प्रस्तुत करना, प्रमाणीकरण हेतु प्रस्तुत किए जा रहे विज्ञापनों पर निर्णय लिया जाना, संदेहस्पद पेड न्यूज़ पर आरओ द्वारा नोटिस जारी किया जाना, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापनों की मॉनिटिंरग एवं यह सुनिश्चित करना कि प्रसारण प्रमाणीकरण उपरांत ही किया जाएगा।
प्रिंट मीडिया विज्ञापनों का प्रकाशन प्रत्याशी की सहमति उपरांत ही हो एवं व्यय चुनाव के खर्चे में सम्मिलित जाएगा। आदेशों की अवहेलना करने पर धारा 127 ए आर पी एक्ट 1951 के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। लेखांकन टीम को पेड न्यूज़ के प्रकरणों की प्रति उपलब्ध करवाना आवश्यक हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि टीवी चैनल एवं केबल नेटवर्क पर किसी राजनीतिक दल संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण के लिए जारी होने वाले सभी विज्ञापन जारी होने से पूर्व प्रमाणित करवाने होंगे। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार टीवी चैनल एवं केबल नेटवर्क पर राजनीतकि दल संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण हेतु जारी होने वाले सभी विज्ञापन आयोग द्वारा विभिन्न स्तर पर गठित समितियों द्वारा जारी होने से पूर्व प्रमाणित कराने होंगे।
आयोग के आदेश अनुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी चेनल, केबल के साथ रेडियों एफएम चैनल, सिनेमाघर में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। साथ ही जनसभाओं एवं सार्वजनिक स्थान पर दृश्य श्रव्य विज्ञापन भी प्रमाणित कराने होंगे। इसके साथ ही सोशल मीडिया व ई-पेपर में जारी किए जा रहे राजनीतकि विज्ञापनों का भी प्रमाणन किया जाएगा।
निर्धारित आवेदन पत्र पर पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न करने होंगेः
विज्ञापन अधिप्रमाण के लिए मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतकि दल, पंजीकृत राष्ट्रीय, राजकीय राजनीतकि दल व प्रत्याशी प्रसारण को प्रस्तावित दिनांक से तीन दिन पूर्व विज्ञापन प्रस्तुत करने होंगे। वहीं अन्य गैर पंजीकृत दलों द्वारा विज्ञापन सात दिवस पूर्व प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित आवेदन पत्र पर पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न करने होंगे।
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