चूरू/हनुमानगढ़। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा के साथ 1981 में हुए जल समझौते के तहत राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी हासिल करने के लिए उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शेखावत ने शून्यकाल में सिद्धमुख नहर वितरिकाओं के टेल तक पानी नहीं पहुंचने संबंधी मुद्दे पर जल संसाधन मंत्री की ओर से हस्तेक्षप करते हुए कहा कि हरियाणा के साथ 1981 में हुए जल समझौते के तहत राज्य को 600 क्यूसेक पानी देना तय हुआ था। लेकिन उसके बाद से कभी भी राज्य को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला। अधिकतर 470 क्यूसेक पानी राजस्थान को मिलता है। इसमें भी कई बार 100 क्यूसेक तक की कमी आ जाती है।
उन्होंने कहा कि राज्य को हरियाणा से अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिलने एवं दोनों राज्यों में पानी की चोरी होने से सिद्धमुख नहर की वितरिकाओं के टेल क्षेत्र तक पानी नहीं पहुंच पाता है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार दो स्तर पर कार्य कर रही है। सरकार ने जहां उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर कर राज्य को अपने हिस्से का पूरा पानी दिलाने की मांग की है। वहीं हेड क्षेत्र में पानी की अवैध चोरी रोकने के लिए सतत् मॉनिटरिंग करते हुए पुलिस पेट्रोलिंग एवं विजिलेंस में बढ़ोतरी की गई है। मंत्री शेखावत ने कहा कि जब तक राजस्थान को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिलेगा तब तक सिद्धमुख नहर की वितरिकाओं के टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचाना मुश्किल है।
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