चूरू। अक्षय तृतीया (28 अप्रेल) और पीपल पूर्णिमा (10 मई) पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम और लोगों में जागरुकता को लेकर प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। इसके तहत रविवार को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश और निरीक्षण न्यायाधीश कैलाशचंद्र शर्मा ने ‘‘बाल विवाह रोकथाम अभियान’’ का शुभारंभ किया और जागरुकता के लिए मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले स्काउट छात्र छात्राओं की ओर से रैली निकालकर बाल विवाह जागरुकता का संदेश भी दिया गया। एडीआर सेंटर में हुए जागरुकता अभियान के दौरान हाईकोर्ट जज कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम और आमजन में जागरुकता पैदा करने के लिए राज्य के 16 जिलों में अभियान चलाया जा रहा है। वहीं जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने कहा कि भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार चूरू जिले में 53.4 प्रतिशत मामले ऐसे पाए गए हैं, जिनमें लड़के और लड़की की कम आयु में ही शादी कर दी गई। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मामलों का प्रतिशत 33.8 रहा, जिनमें 21 साल से कम आयु के लड़कों की शादी की गई। वहीं लड़कियों के मामलों में ये प्रतिशत 10.5 फीसदी रहा। जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने कहा कि समाज में जागरूकता पैदा करके ही इस अभिशाप से मुक्त हुआ जा सकता है। इस मौके पर जिला कलक्टर ललित गुप्ता, एएसपी केसर सिंह शेखावत, बार कौंसिल अध्यक्ष महेश प्रताप सिंह सहित कई अधिवक्ता और कोर्ट के अधिकारी मौजूद रहे।
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