जयपुर/चूरू। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि बेटियां घर की रोशनी हैं और बेटियां मुस्कुराहट हैं। अतः आमजन को राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान में अपनी भागीदारी दर्ज करवाकर महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने की महती आवश्यकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राठौड़ रविवार को चूरू जिला मुख्यालय स्थित दादाबाड़ी में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत बेटियों के सम्मान में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में सोनीपत (हरियाणा) में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का श्रीगणेश किया था, जिसके तहत राजस्थान में भी अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए महती प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों में अभियान में किए गए सार्थक प्रयासों के तहत 1000 पुरुष : 923 महिला के लिंगानुपात में वृद्धि हुई है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि अगर बेटी नहीं होगी तो मां की कोख कहां से आएगी। लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं, जरूरत है माता-पिता को अपने बेटी की सुरक्षा एवं हौसला अफजाई की, ताकि वे शिक्षित होकर देश का नाम रोशन कर सकें। ग्रामीण विकास मंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली 40 छात्राओं को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
समारोह में जिला प्रमुख हरलाल सहारण ने कहा कि हर समाज को जागरुक होकर बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ अभियान में जुड़कर महिला सशक्तीकरण में अपनी भागीदारी दर्ज कराने की जरूरत है। सभापति विजय शर्मा एवं भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. वासुदेव चावला ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए बेटियों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
उपखण्ड अधिकारी श्वेता कोचर, मो. रजा सिद्दीकी ने भी विचार रखे। इस अवसर पर उप सभापति अनवर थीम, विक्रमसिंह कोटवाद, सीताराम लुगरिया सहित जनप्रतिनिधि एवं शहर के आम नागरिक उपस्थित थे।
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