-जिला मुख्यालय पर नवस्थापित शिवम आयुर्वेदिक लैब का शुभारंभ
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चूरू। चूरू जिले के लोगों को अब आयुर्वेदिक नाड़ी तरंगणी विधि से कम्प्यूटरीकृत मशीन के जरिए वात-कफ-पित्त, शूगर-बीपी की जांच की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। जिला मुख्यालय पर नगर परिषद के पास नया बास में नवस्थापित शिवम आयुर्वेदिक लैब का शुभारंभ मंगलवार को सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय ने किया।
इस मौके पर कुमार अजय ने कहा कि आयुर्वेद न केवल एक चिकित्सा पद्धति है, बल्कि एक संपूर्ण जीवन शैली है, जो न केवल अस्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ बनाने की दिशा में काम करती है, अपितु व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखने की दिशा में भी इसकी भूमिका स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के अनुसार यदि हम पथ्य-अपथ्य का ध्यान रखते हुए अपनी जीवन शैली व्यवस्थित रखते हैं, तो अधिकांश बीमारियों से बच सकते हैं। उन्होंने चूरू में आयुर्वेदिक लैब के शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि सभी चिकित्सा पद्धतियां अलग-अलग रोगों में असरकारी हैं। जीवन शैली से जुड़ी अधिकांश बीमारियों के आयुर्वेद प्रभावी है। अच्छी बात है कि वर्तमान में लोग आयुर्वेद की ओर लौट रहे हैं। आयुर्वेद पूरे विश्व को भारत की अनूठी देन है। कोरोना के बाद आयुर्वेद का महत्त्व और पुष्ट हुआ है।
वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक पवन जांगिड़ ने आयुर्वेद और नाड़ी तरंगणी मशीन से जांच की प्रक्रिया एवं फायदों पर प्रकाश डाला और कहा कि चूरू क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। लैब संचालक नवीन कुमार शर्मा ने लैब में होने वाली जांचों, जांच मशीनों की कार्यप्रणाली से अवगत करवाया। पं. उमेश व्यास ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से पूजा करवाई। इस मौके पर जनसंपर्ककर्मी जसवंत सिंह, ओमप्रकाश ढाका, रामचंद्र गोयल, हिमांशु शर्मा, नवीन शर्मा, शेर सिंह, सुनीता, विधि शर्मा, विनोद, देव सिंह, ओपी बैरवा, डॉ आनंद प्रकाश सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
झारखंड चुनाव - इंडिया ब्लॉक का 7 गारंटियों वाला घोषणा पत्र जारी, 10 लाख नौकरी-रोजगार और सरना धर्मकोड का वादा
मोदी जी अगर चाय बेचते थे तो मैं भी मजदूरी करता था : खड़गे
रश्मि शुक्ला को पद से हटाए जाने के बाद संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी
Daily Horoscope