चूरू
। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकांउटर ने प्रदेश के पुलिस अधिकारियों की
नींद हराम कर दिया है। दिनों-दिन विरोध की लौ बढ़़ती जा रही है। परिजन अपनी
पांच सूत्री मांगों पर अड़े हैं। उधर पुलिस की ओर से शव लेने के लिए
परिजनों को दी गई नोटिस का जवाब देने गुरुवार को चूरू से वकील रतनगढ़ पुलिस
उप अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे। अधिवक्ता कानसिंह के नेतृत्व में चार
अधिववक्ताओं ने रतनगढ़ डीएसपी नारायण दान चारण को नोटिस का जवाब दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इधर
माहौल को देखते हुए रतनगढ़ सहित लाडनूं व सांवराद में पुलिस का जाप्ता और
बढ़ा दिया गया। चूरू से लेकर सांवराद तक भारी तनाव है। राजपूत समाज के
लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रही। किसी भी वक्ता कहीं भी बड़ी घटना हो सकती
है।
यूपी से बड़े राजपूत नेताओं के आने की हवा ने पुलिस को हैरत में डाला
उधर,
यूपी से विधायक व पूर्व मंत्री राजा भैया सहित कई बड़े राजपूत नेताओं के
सांवराद आने की हवा ने पुलिस को हैरत में डाल दिया है। पुलिस कानून
व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जी-जान से लगी हुई है।
पांचवे दिन भी शव लेने पर सहमति नहीं बनी
गैंगस्टर
आनंदपालसिंह का एनकाउंटर 24 जून की रात रतनगढ़ के गांव मालासर स्थित एक
मकान में हुआ था। 25 को रतनगढ़ अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ था। गुरुवार को
पांचवे दिन दोपहर तक परिजन शव लेने को राजी नहीं हुए।
दो आईजी चूरू पहुंचे. लिया जायजा
गुरुवार
को शव के संस्कार को लेकर बीकानेर संभाग के आला पुलिस अधिकारी रतनगढ़
पहुंच गए। आईजी विपिन पांडेय, एसपी राहुल बारहठ ने कानून व्यवस्था का जायजा
लिया। एक दर्जन से अधिक थानों के थानाधिकारी और 100 सौ अधिक पुलिस कस्बे
में तैनात है। आईजी जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ चूरू पुहंचे गए। आईजी
(क्राइम) महेन्द्र चौधरी, एसओजी एएसपी करण शर्मा व संजीव भटनागर, कुचामन
डीएसपी भी चूरू पुहंचे।
नोटिस के जवाब पर पुलिस का मंथन
वकील
कांनसिंह की ओर से दिए गए नोटिस के जवाब को लेकर आईजी, एसपी व एएसपी व
डीएसपी ने मंथन शुरू कर दिया है। कानूनी अड़चनों को देखते हुए पुलिस भी
शायद अदालत की शरण ले सकती है।
आनंदनपाल के शव को चूरू लाने के कयास तेज
इधर,
आनंदपाल के शव को रतनगढ़ मोर्चरी से चूरू लाने के कयास बढ़ गए हैं।
जगह-जगह पुलिस सहित अन्य लोगों में चर्चा चल रही है कि आनंदपाल का शव
गुरुवार को चूरू के भरतीया अस्तताल की मोर्चरी में रखवाया जा सकता है।
पुलिस के अंतिम संस्कार को रोकने गए अदालत
आनंदपाल
के परिजनों को आशंका है कि पुलिस उसका कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार कर
सकती है। इसे रोकने के लिए आनंदपाल के परिजनों ने अदालत की शरण ली है।
अदालत में आवेदन देकर कहा है कि पुलिस शव का अंतिम संस्कार तभी कर सकती है
जब उसका कोई परिजन नहीं हो। वह लावारिस अवस्था में हो। इस मामले में
आनंदपाल के परिजन मौजूद है। वे ही उसका अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
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