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विवेके वैष्णव, चितौड़गढ़। गत दिनों जिले के गंगरार उपखण्ड के सालेरा स्कूल में संस्था प्रधान व शिक्षक नेता एवं एक महिला शिक्षिका के अश्लील वीडियों वायरल होने के मामले को राजस्थान सरकार ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में गठित विभाग की समिति की रिपोर्ट के बाद दोनों को ही राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
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गत 18 जनवरी को सालेरा के राजकीय उच्च प्रागमन घालय के संस्था प्रधान व शिक्षक नेता अरविन्द नाथ व्यास एवं एक शिक्षिका का संस्था प्रधान के कक्ष में ही अश्लील हरकते करते हुए का वीडियो वायरल हो गया था। इसके बाद पूरे शिक्षण जगत में हड़कंप मच गई।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.) राजेंद्र कुमार शर्मा ने संस्था प्रधान व्यास एवं शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया था। इसके बाद यह मामला गंभीर होने से शिक्षा मंत्री मदन दीलावर ने इस पर संज्ञान लेते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक उदयपुर को जांच के निर्देश दिए।
इस मामले में सोमवार को एक जांच समिति सलेरा ग्राम पहुंची एवं ग्रामीणों, अभिभावकों और छात्र-छात्रा के बयान कलमबद किए। सीसीटीवी के फोटो एवं वीडियो का सत्यापन किया। इसके बाद समिति ने शिक्षा निदेशक (प्रारंभिक ) को इस मामले में अपनी रिपोर्ट दी जिसमें दोनों को बर्खास्त करने की अनुशांसा की।
इसके बाद शिक्षा निदेशक के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राजेंद्र कुमार शर्मा ने शिक्षक अरविन्द व्यास एवं शिक्षिका को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए। आदेश में कहा गया है कि शिक्षक नेता अरविंद व्यास के इस कृत्य ने पूरे प्रदेश की छवि को देशभर में धूमिल कर दिया है।
साथ ही अरविंद व्यास से इस मामले में निलंबित कर जो स्पष्टीकरण मांगा गया था उन्होंने वह भी नहीं दिया। शिक्षा के मंदिर में इस तरह का कृत्य किया जाना बहुत गंभीर मामला है इसलिए उनकी सेवाओं को समाप्त किया जाता है।
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