-वार्षिक निरीक्षण में चित्तौड़ प्लाण्ट का किया निरीक्षण ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चित्तौड़गढ़। सरस डेयरी की प्राथमिकता हमेशा की तरह दूध संकलन को बढ़ाने पर जोर देना तथा उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है। वर्तमान में भी दूध संकलन बढ़ाने पर ही जोर दिया जा रहा है। यह बात गुरूवार को चित्तौड़गढ़ डेयरी का वार्षिक निरीक्षण करने पहुंचे कोपरेटिव डेयरी फैडरेशन के प्रशासक एवं प्रबन्ध संचालक सुशमा अरोड़ा ने खास खबर डॉट कॉम से खास बातचीत के दौरान कही।
सीएमडी वार्षिक निरीक्षण के दौरान बुधवार एवं गुरूवार को दो दिवसीय उदयपुर संभाग के दौरे पर रहे। इस दौरान बुधवार को उन्होने उदयपुर डेयरी का निरीक्षण किया। उसके बाद बांसवाड़ा में शीघ्र प्रारंभ हो रहे नये प्लाण्ट का निरीक्षण किया। सीएमडी ने मुख्यमंत्री की बजट घोशणा के अनुरूप डूंगरपुर में जल्द प्रारंभ हो रहे प्लाण्ट के लिए भूमि का निरीक्षण भी किया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिये। सीएमडी अरोडा गुरुवार दोपहर करीब दो बजें चित्तौड़गढ़ डेयरी पहुंचे तथा प्लाण्ट का निरीक्षण किया। यहां सभाकक्ष में उन्होने चित्तौड़गढ़ प्रतापगढ़ डेयरी के प्रबन्धन की मीटिंग लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होने चित्तौड़ प्लाण्ट के वर्तमान में डेयरी द्वारा किये जा रहे दूध संकलन को बढ़ाकर 3 लाख लीटर तक करने पर जोर दिया है। इस मौके पर डेयरी चैयरमेन बद्री जगपुरा, एमडी मदनलाल, यू.सी. व्यास, महाप्रबन्धक मार्केटिंग जे.डी.सिंह, डायरेक्टर भरत आंजना, शंकर लाल जाट आदि भी मौजूद थे। सीएमडी अरोड़ा ने यहां पैकिंग प्लाण्ट का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा सरस उत्पाद का स्वाद भी चखा। उन्होने सरस द्वारा तैयार किये जा रहे श्रीखण्ड एवं मावे का स्वाद भी चखकर संतोष व्यक्त किया। उन्होने यहां प्रस्तावित पाउडर प्लाण्ट के लिए आरक्षित भूमि का भी अवलोकन किया तथा निर्देश प्रदान किये। सीएमडी सुशमा अरोड़ा ने वार्षिक निरीक्षण के दौरान प्लाण्ट परिसर में सीताफल का वृक्ष भी लगाया।
खास खबर डॉट कॉम से खास बातचीत में सीएमडी ने कहा कि बीकानेर की तरह ही आजकल में जयपुर डेयरी की ओर से बूथ धारकों प्रति केरेट प्रतिशत के रूप में कमीशन की व्यवस्था के आर्डर कर दिये जायेंगे तथा शीघ्र ही पूरे राज्य में भी इस तरह की व्यवस्था लागू करने की योजना है। वर्तमान में बीकानेर डेयरी द्वारा प्रति केरेट पांच प्रतिशत कमीशन बूथ संचालकों को दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि पशु पालकों की तरह ही बूथ धारक भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
लीकेज की बात दबा दी जाती आज
खास खबर डॉट कॉम द्वारा लीकेज एवं कम वजन की समस्या की ओर सीएमडी का ध्यान आकर्षित करने पर उन्होने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उनके सामने कभी ऐसी शिकायत नही आई है। इस वक्तव्य का साफ मतलब है कि लीकेज से सम्बन्धित समस्या को मैनेजमेन्ट द्वारा स्थानीय स्तर पर ही गोल माल कर दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि बूथ संचालकों को सबसे ज्यादा परेशानी लीकेज को लेकर ही सामने आती है। पैकिंग प्लास्टिक पतला होने के कारण जोईन्ट खुल जाने के कारण लीकेज की बूथ धारकों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। अमूल सहित अन्य प्राइवेट डेयरी में इस्तेमाल किये जाने वाले प्लास्टिक के चलते वहां कभी भी लिकेट अथवा कम वनज की शिकायते दृश्टिगोचर नही होती है।
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