चित्तौड़गढ़। आरटीएच बिल पर सरकार एवं चिकित्सकों के बीच सहमति नहीं होने के चलते गत एक माह से आन्दोलनरत प्रदेश के निजी चिकित्सकों के साथ अब आईएमए, सेवारत चिकित्सक संघ सहित समस्त निजी चिकित्सकों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आरटीएच बिल को लेकर पूर्व में सरकार एवं चिकित्सकों के बीच सहमति बनी थी किन्तु कुछ विसंगतियों को दूर करने का समय रखा गया जो 10 मार्च को समाप्त हो जाने के बावजूद सरकार द्वारा विसंगतियों को यथावत रखते हुए बिल को पेश किये जाने की अपनी हठधर्मिता के चलते पूर्व से रोषित समस्त डाॅक्टर्स के साथ अब डाॅक्टर्स संगठन में आईएम, सेवारत चिकित्सक संघ सहित निजी मेडिकल काॅलेज की फेकल्टी ने सामूहिक अवकाश लेकर विरोध में सहमति देते हुए अपना रोष व्यक्त किया। समस्त डाॅक्टर्स संगठनों द्वारा किये जा रहे विरोध के बीच सोमवार को जयपुर में स्टेचू सर्किल पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों के साथ हुए लाठीचार्ज पर भी चिकित्सकों ने रोष व्यक्त किया जिसमें कुछ चिकित्सकों के गंभीर चोटे आई तथा महिला चिकित्सकों के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया गया।
गत एक माह से प्रदेश के आन्दोलनरत चिकित्सकों की एक ही मांग रही है कि आरटीआई बिल न्यायसंगत नहीं है। जब तक इस बिल को वापस नहीं लिया जाता तब तक समस्त चिकित्सक आन्दोलनरत रहेंगे। मंगलवार को चिकित्सकों पर लाठी चार्ज एवं राईट टू हेल्थ की विसंगतियों के विरोध में डाॅक्टर्स एसोसिएशन ने चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा तथा अपनी एक ही मांग ‘नो टू आरटीएच’ रखी तथा जब तक मांग नहीं मानी जाती, आन्दोलन जारी रखे जाने का निर्णय बताया।
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