चित्तौड़गढ़। जिले के निम्बाहेड़ा शहर में 2 फरवरी शाम को जेल के पास हुए बहुचर्चित बंटी आंजना हत्याकाण्ड में पुलिस को मंगलवार को सफलता मिली है तथा इस हत्याकाण्ड के दो अभियुक्तों को प्रतापगढ़ के निकट से गिरफ्तार किये जाने की जानकारी मिली है। इस मामले को लेकर भाजपा ने करीब एक सप्ताह तक धरना प्रदर्शन भी किया था। एएसआई सूरजकुमार की टीम ने इस बहुचर्चित मामले में एक बार पुनः आला अधिकारियों के निर्देशन में अग्रणी भूमिका साबित की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बहुचर्चित इस हत्याकाण्ड में षामिल चार अभियुक्तों में से दो अभियुक्तों को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने इन्हे मध्यप्रदेश की सीमा पर प्रतापगढ़ के निकट होरी हनुमान मंदिर अरनोद जिला प्रतापगढ़ के निकट से डिटेन किया था तथा वृत्ताधिकारी आशीष कुमार के निर्देशन में सदर थानाधिकारी वीरेन्द्रसिंह के नेतृत्व में एएसआई सूरजकुमार की विशेश टीम ने मंगलवार को अजंयपाल जाट निवासी पिपलिया मण्डी जिला मन्दसौर (मप्र) तथा कृष्णपालसिंह उर्फ कान्हा निवासी गोगरपुरा थाना पिपलिया मण्डी जिला मन्दसौर (मप्र) को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुश्यन्त ने मंगलवार शाम को पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि जिला पुलिस से इस हत्याकाण्ड के चारों मुख्य अभियुक्तों पर पांच पांच हजार रूपयें का ईनाम घोषित कर रखा था।क्षेत्र के बहुचर्चित बंटी आंजना हत्याकाण्ड में जिला पुलिस ने 07 मार्च को इस हत्याकाण्ड में सहयोग करने वाले तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस अधीक्षक दुश्यन्त ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में अरविन्द आंजना एवं विकास आंजना की आपसी रंजिश सामने आई है और आर्थिक तंगी से निजात पाने तथा अरविन्द से दोस्ती निभाने के लिए अजयपाल ने अपने अन्य तीन साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया।
अरविन्द की थी विकास से रंजिश
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि एक प्रकरण में अरविन्द आंजना और अजयपाल जिला कारागृह प्रतापगढ़ में बंद थे। इसी दौरान दोनों में घनिष्ठता हो गई थी। अरविन्द आंजना की किसी विडियो वायरल को लेकर बंटी उर्फ विकास आंजना से रंजिश थी। अरविन्द आंजना ने ही बंटी आंजना की हत्या के लिए अजयपाल को सहमत किया और इसके एवज में 15 लाख रूपयें देने की सहमति भी व्यक्त की। इसके बाद अजयपाल ने अपने साथी कृश्णपाल सिंह उर्फ कान्हा, सुरेश जाट व रमेश उर्फ कान्हा भील के साथ वारदात को अंजाम दिया।
रैकी के साथ दो बार प्रयास भी किये
अजयपाल ने सितम्बर 22 में जेल से छूटने के बाद लगभग तीन माह तक बंटी उर्फ विकास आंजना की रैकी की तथा दो बार वारदात को अंजाम देने का प्रयास भी किये थे। एक बार बंटी पांच सात लोगों के समूह में था तो अजयपाल वारदात को अंजाम नही दे पाया। दूसरी बार परिजनों के साथ होने के साथ भी घटना को कारित नही कर पाया लेकिन अजयपाल ने अपने प्रयास नही छोडे। दो फरवरी को मौका मिलते ही अजयपाल ने अपने साथियों के साथ घटना को अंजाम दिया तथा वारदात के तुरंत बाद दो दो के समूह में अलग अलग फरार होकर राजस्थान छोड चुके थे। दो को मध्यप्रदेश सीमा के नजदीक से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है तथा अन्य दो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मध्यप्रदेश में ही निरन्तर प्रयास जारी रखे हुए है।
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