बूंदी। किसानों को देशद्रोही कहना देश के अन्नदाताओ का अपमान है। मैं इसकी कठोर निंदा करता हूं। यह विचार शुक्रवार 23 फरवरी 2024 को पूर्व सांसद रामनारायण मीणा ने बूंदी में देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। उन्होंने इस आंदोलन के समर्थन में अपनी वहां पर काली पट्टी बांधकर किसानों द्वारा मनाए जा रहे काला दिवस का समर्थन भी किया।
उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉली किसानों की आजीविका का साधन है उन्हें इसे दिल्ली जाने पर रोकना गलत है। उन्होंने किसानों की एमएसपी कानून बनाने और अन्य मांगों को उचित बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हठधर्मिता छोड़कर किसानों से वार्ता कर उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। यह आंदोलन पंजाब हरियाणा के किसानों का आन्दोलन नहीं बल्कि यह पूरे देश के किसानों की आवाज है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्व सांसद मीणा ने कहा कि मैं हमेशा से किसानों का समर्थक रहा हूं। मैं भी किसान का बेटा हूं और आज भी खेती कर रहा हूं। इसलिए किसानों की मजबूरी और समस्याओं को में भली भांति समझता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी ने जीएसटी कानून लागू किया है। इन्होंने ही किसानों द्वारा खेती के उपयोग में लिए जा रहे संसाधनों पर जीएसटी को बढ़ाकर टैक्स भी लिया जा रहा है। फिर किसानों को बिना टैक्स वाला बताना गलत है।
उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री मोदी एक ओर तो अपने आप को गरीब बताते हैं और दूसरी ओर किसानों से वार्ता नहीं करके उनके आंदोलन को कुचलने का कार्य कर रहे हैं, वह निंदनीय है। उन्होंने बूंदी के विकास पर पूछे गए सवाल पर कहाकि बूंदी में विकास में दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी है। यहां की जनता और नेताओं को दृढ़ इच्छा शक्ति बनकर इस दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। इस अवसर पर कर्मचारी नेता पुरुषोत्तम पारीक कांग्रेस पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच रामदेव गोचर आदि उपस्थित थे।
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