बूंदी। उमंग संस्थान द्वारा हर वर्ष चलाये जाने वाले परिण्ड़ा अभियान का शुभारम्भ नवल सागर तालाब पर आयोजित कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर (सीलिंग) ममता तिवारी तथा एस.डी.एम. देवांशु शर्मा के आतिथ्य और डाॅ.एस.एल.नागौरी की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर संरक्षक अनिल शर्मा, मार्गदर्शक राजकुमार दाधीच तथा रेखा शर्मा भी मंच पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर बोलते हुवे इतिहासविद् डाॅ. एस.एल.नागौरी ने कहा कि बेजुबान पक्षी हमारी प्रकृति के वाहक हैं, इन्हें बचाने और सहेजने की जिम्मेदारी प्रकृति की ही नहीं हमारी भी हैं।
नागौरी ने कहा कि प्रदूषण और विकिरणों के कारण पृथ्वी का तापमान निरन्तर बढ़ रहा हैं, जो पक्षीयों के प्राकृतिक आवास और रहन सहन को प्रभावित कर रहा हैं। बढ़ती गर्मी में दाना पानी से पक्षियों की सेवा परमार्थ का कार्य हैं। कार्यक्रम को संर्बोधित करते हुए अतिरिक्त जिला कलक्टर (सीलिंग) ममता तिवारी ने कहा कि आधुनिक संस्कृति में रमते हुए हम परम्पराओं को भूल रहे हैं, हम प्रकृति और मानव के मध्य सबसे मजबूत कड़ी गौरेया को भी भूला रहे हैं। गर्मी ही नहीं अपितु वर्षभर हमें इन पक्षियों हेतु दाना पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। तिवारी ने सभी से बेजुबान पक्षियों हेतु दाना पानी की व्यवस्था करने का भी आह्वान किया।
इस अवसर पर एस.डी.एम. देवांशु शर्मा ने पर्यावरणीय सरोकारों की बात करते हुऐ बेजुबान पशु पक्षियों को पर्यावरण का अग्रदूत बताया और कहा कि पर्यावरण और पशु पक्षी एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों एक दूसरें के लिए अत्यन्त आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं। दोनों को सहेजने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मानव समाज की हैं, जो मानव के स्वस्थ और समृद्ध जीवन के लिए भी आवश्यक हैं। शर्मा ने कहा कि हम विकास की दौड़ में आगे बढ़ते हुए पक्षियों के प्राकृतिक आवासों को नष्ट कर रहे हैं, परन्तु उनकी भरपाई के लिए नाम मात्र के प्रयास हो रहे है। इन पर्यावरणीय प्रयासों को केवल जागरूकता के द्वारा ही बढ़ाया जा सकता हैं। इस हेतु शर्मा ने सधन पौधारोपण को जन आंदोलन बनाने की बात भी कही।
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