बूंदी। साहित्य अकादमी नई दिल्ली की ओर से बूंदी के देवनारायण मंदिर में आयोजित राजस्थानी लोकगीत युगबोध कार्यक्रम में राजस्थान भर के साहित्यकारों का लघु कुंभ लगा। इस सम्मेलन में राजस्थान के विभिन्न अंचलों से आए साहित्यकारों ने लोक साहित्य विषय पर गहन चिंतन कर अपने विचार रखे तथा सस्ती लोकप्रियता एवं शॉर्टकट से पैसा कमाने वाले लोगों को रोकने का संदेश भी इस मंच से दिया।
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उद्घाटन सत्र में राजस्थान भाषा परामर्श मंडल साहित्य अकादमी के संयोजक मधु आचार्य आशावादी ने स्वागत विषय परिवर्तन पर अपनी बात रखी। राजस्थानी राजा साहित्यकार सोहन दान चारण ने उद्घाटन सत्र में अपनी बात की। बीज भाषण लोक कला मर्मज्ञ श्रीलाल मोथा सौतन और राजस्थानी साहित्यकार मुकुट मणिराज ने अपनी बात रखी। शालिनी विजय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। दूसरे सत्र में साहित्यकार कमला कमलेश ने राजस्थानी लोकगीतों में कृषि संस्कृति पर अपनी बात रखी।
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