बूंदी। जिले की हिंडोली विधानसभा के सथूर पंचायत के हरिपुरा गांव में 5 साल की मासूम बालिका खुशबू रैगर से अनजाने में टिटहरी के अंडे फूट जाने पर पंचों द्वारा 11 दिन का सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने गुरुवार को हरिपुरा गांव पहुंचकर मामले में संज्ञान लिया। मनन चतुर्वेदी ने गांव में बालिका के घर पहुंचकर उसके पिता हुकुम चंद रैगर व ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली। इस दौरान खुलासा हुआ कि बच्ची के पिता ने किसी से 15 सौ रुपए उधार लिए थे, जो वह लौटा नहीं पाया था। इसका बदला लेने के लिए पंच-पटेलों ने ऐसा किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि आज के युग में भी इस तरह की घटनाएं मानवता को शर्मसार कर देती हैं। हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और आज भी हमारे समाज में इस तरह की कुरीतियां विद्यमान होना सामाजिक विकास पर प्रश्नचिह्न लगा देता है। उन्होंने पंच-पटेलों को मौके पर बुलाया और फटकार लगाई। इसके बाद पंच-पटेलों ने माफी भी मांगी। पंच-पटेलों का कहना था कि इस प्रकार की रीत सदियों से चली आ रही है, जिसे हम निरंतर निभाते आ रहे हैं।
चतुर्वेदी ने पूरे मामले में शिथिलता बरतने पर जिला अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, जिला सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष, सरपंच, सचिव, पूर्व सरपंच को भी फटकार लगाई और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने एवं परिवार को संरक्षण सुरक्षा व समस्त सरकारी योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिए। चतुर्वेदी ने पूरे मामले को शर्मसार करने वाली घटना बताया और कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए बाल संरक्षण आयोग आने वाले समय में कड़ी से कड़ी योजनाएं बनाकर अमल में लाएगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में जेजे एक्ट को अमल में लाया जाएगा और उसी के अनुरूप दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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