बीकानेर । जिले में खरीफ फसल के दौरान कम वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लेने तथा सूखा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के लिए अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल बीकानेर पहुंचा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जल संसाधन मंत्रालय व केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक (मॉनिटरिंग एंड एप्रेजल) पुनीत कुमार मित्तल के नेतृत्व में दल ने कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
बैठक में जिला कलक्टर डॉ एन के गुप्ता ने पॉवर प्वांईट प्रजेंन्टेशन के माध्यम से बीकानेर जिले की तहसील वार सूखा प्रभावित स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले की नौ में से 8 तहसीलों के 258 गांव सूखा प्रभावित क्षेत्र में शामिल किए गए हैं। राहत विभाग राजस्थान सरकार द्वारा घोषित सूखा प्रभावित क्षेत्र में बीकानेर, लूणकनरसर, नोखा, कोलायत, पूगल, खाजूवाला, छत्तरगढ़ तथा बज्जू शामिल है। डॉ गुप्ता ने बताया कि खरीफ फसल खराबा के तहत बीकानेर तहसील के 2 गांव, लूणकरनसर के 38 गांव, नोखा के 57 गांव, कोलायत के 11 गांव, पूगल के 4, खाजूवाला के 58, छत्तरगढ के 10 तथा बज्जू के 9 गांव प्रभावित क्षेत्र में शामिल है। उन्होंने बताया कि इनमें 33 से 50 प्रतिशत फसल खराबा, 50 से 75 फीसदी व 75 से 100 फीसदी खराबा के अनुसार गांवों को अलग-अलग श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। सर्वाधिक खरीफ खराबा लूणकरनसर तहसील में हुआ, जहां 87 हजार 343 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ। वहीं नोखा में 66 हजार 742 हैक्टेयर, कोलायत में 22 हजार 637, खाजूवाला में 62 हजार 695, बीकानेर में 6,172, छतरगढ़ में 24 हजार 199, बज्जू में 22 हजार 747 हैक्टेयर तथा पूगल में 4 हजार 841 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ। वर्ष 2018 में औसत वर्ष 254 मिमी हुई। जिला कलक्टर ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ तहसील सूखाप्रभावित क्षेत्र में शामिल नहीं है।
नोखा के मोरखाणा, बेरासर पहुंचा दल, ग्रामीणों से बातचीत कर जाना हाल
अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल ने जिला कलक्टर डॉ गुप्ता के साथ नोखा के बेरासर व मोरखाणा का दौरा किया तथा अटल सेवा केन्द्र में ग्रामीणों से बात की। इस अवसर पर दल के प्रभारी जल संसाधन व केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक (मॉनिटरिंग एंड एप्रेजल) पुनीत कुमार मित्तल ने ग्रामीणों से कम वर्षा से खरीफ की फसल में हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि इस वर्ष वर्षा न के बराबर हुई। इस कारण खेतों में खरीफ बिजाई की लागत भी नहीं निकल सकी। इसके चलते किसान आर्थिक रूप से परेशान है। वर्षा के अभाव में चारे की पर्याप्त व्यवस्था न हो पाने के चलते पशुधन भी बेहाल है।
मित्तल ने कहा कि लगातार खराबा से हुए नुकसान से किसानों को मदद देने के लिए राज्य व केन्द्र सरकार प्रयासरत है। इस दिशा में वास्तविक अध्ययन के पश्चात रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी तथा मुआवजे के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं भी की जाएगी। इस अवसर पर दल के साथ नोखा उपखंड अधिकारी श्योराम वर्मा, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार विज, कृषि विभाग के उपनिदेशक उदयभान सहित पानी, बिजली सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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