बीकानेर। बीकानेर में आयोजित एक अद्वितीय साहित्यिक आयोजन में, वरिष्ठ कवि राजाराम स्वर्णकार के एकल काव्य पाठ और सम्मान समारोह ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में शिव निवास, बर्तन बाजार में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रतिष्ठित कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की, जिन्होंने अपने उद्बोधन में स्वर्णकार की लेखनी को समाज की विद्रुपताओं के खिलाफ आवाज़ बताया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अशफाक कादरी ने स्वर्णकार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनका स्वागत किया। राजाराम स्वर्णकार ने हिंदी और राजस्थानी भाषा की उम्दा कविताओं का पाठ किया, जिनमें "शब्दों की पूजा करता मैं नहीं दलाली करता हूँ" और "रूप किशोरी चन्द्रचकोरी ये बतला तू कौन है?" जैसी रचनाएँ शामिल थीं। उनकी कविताओं में न केवल जीवन के मर्म को छूने का प्रयास था, बल्कि समाज की जटिलताओं और विद्रुपताओं पर तीखी टिप्पणी भी की गई।
कवि स्वर्णकार की "नारी जब हुंकार भरेगी" और "ऐ रिस्ता झीणा झीणा रै" जैसी कविताओं ने श्रोताओं को झकझोर कर रख दिया। अध्यक्षीय उद्बोधन में राजेन्द्र जोशी ने स्वर्णकार की सपाटबयानी और सरलता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी कविताएं सीधे पाठकों के दिल में उतर जाती हैं। जोशी ने यह भी कहा कि युवा साहित्यकारों को उनसे बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है।
समारोह के अंत में, स्वर्णकार को शाल, श्रीफल, और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। विभिन्न साहित्यिक हस्तियों ने स्वर्णकार की रचनाओं पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं, जिसमें डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, मनीषा आर्य सोनी, और मुकेश पोपली शामिल थे। समारोह में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और राजाराम स्वर्णकार को माल्यार्पण कर उनका सम्मान किया।
जस्टिन ट्रूडो: भारत विरोधी रुख अपनाकर डगमगाता राजनीतिक करियर संभालने की कोशिश
महाराष्ट्र-झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज
पीएम मोदी ने किया इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 का उद्घाटन, 190 से ज्यादा देश ले रहे हिस्सा
Daily Horoscope