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बीकानेर। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता के नेतृत्व में किए गए शौध कार्य के परिणाम स्वरूप देश को घोड़ों की आठवीं नस्ल के रूप भीमथड़ी घोड़ा मिला, इस कार्य के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने इस नस्ल के लिए गजट नोटिफिकेशन यानी भारत का राजपत्र जारी किया। अब यह भारत की घोडों की आठवीं गजट नोटि फाईड नस्ल हो गई है।
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इस संबंध में आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में एक समारोह आयोजित किया गया जिसमें डॉ. एस सी मेहता एवं रणजीत पंवार को पारिषद के महानिदेशक एवं सेक्रेटरी, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा डॉ हिमांशु पाठक, देश के पशु पालन कमिश्नर डॉ. अभिजीत मित्रा, उप महानिदेशक पशु विज्ञान डॉ राघवेन्द्र भट्ट, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के निदेशक एवं उपकुलपति डॉ त्रिवेणी दत्त एवं राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के निदेशक डॉ बी पी मिश्रा द्वारा सम्मानित किया गया। समारोह में विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक, सहायक महानिदेशक, प्रभागाध्यक्ष,विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं गणमान्य जन उपस्थित थे।
इस सम्बन्ध मे डॉ. मेहता ने बताया कि राजपत्र जारी होने से इस नस्ल को पालने वालों के अधिकार सुनिश्चित हो जाते हैं, इस पर समिति या संस्था बनाकर कार्य किया जा सकता है एवं इस से सरकार की कई योजनाओं से वित्तीय सहायता मिलने मे भी आसानी रहती है।
डॉ. मेहता ने आगे बताय कि इस दिशा मे कार्य भी आरंभ किया जा चुका है एवं इस नस्ल के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए " आल इंडिया भीमथड़ी हॉर्स एसोसिएशन " का गठन रणजीत पंवार की अध्यक्षता में किया जा चुका है। डॉ. मेहता ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि क्षत्रपति शिवाजी राव महाराज की विरासत को हम लगभग चार सौ वर्षों बाद पुनर्स्थापित कर पाए एवं इसके संरक्षण एवं संवर्धन का मार्ग प्रशस्त कर पाए।
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