बीकानेर। सुदीर्घ एवं गौरवमय साहित्यिक साधन के लिए वरिष्ठ गद्य लेखिका आनंदकौर व्यास एवं कवि-आलोचक-शिक्षाविद भवानीशंकर व्यास विनोद का उनके आवास पर सांझी विरासत संस्था ने सम्मान किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर कवि-आलोचक भवानीशंकर व्यास विनोद ने कहा कि मुझे अपनी अग्रज पीढिय़ों का स्नेह और आशीर्वाद मिला, वहीं समकालीनों का सहयोग मिला। सात पीढिय़ों के इस ऐतिहासिक सफर में उन्होंने अनेक मुकाम देखे, वहीं सतरंगी अनुभवों से उन्होंने स्वयं को समृद्ध किया है। बीकानेर के साहित्यिक अवदान पर चर्चा करते हुए विनोद ने कहा कि यहां के अनेक रचनाकारों में राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाएं हैं, किंतु आलोचना के अभाव से उनका उल्लेख व्यापक स्तर पर होना शेष है। वरिष्ठ गद्यकार आनंद कौर व्यास ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन काल में हिंदी और राजस्थानी साहित्य में उपन्यासों और कहानियों के माध्यम से अपने आसपास के जीवन और चरित्रों को साकार करने का प्रयास किया है और यह सुखद-प्रीतिकर है कि यह प्रयास पाठकों द्वारा पसंद किया गया।
सांझी विरासत इससे पूर्व बुलाकी दास बावरा, मालीराम शर्मा, शिवराज छंगाणी, डॉ. देवीप्रसाद गुप्त, लालचंद भावुक, श्रीलाल नथमल जोशी, गिरधारी लाल व्यास, एल.एन.माथुर, सूर्यशंकर पारीक, वत्सला पांडे, डॉ. मुरारी शर्मा, हरदर्शन सहगल, प्रो. विजयशंकर व्यास, लक्ष्मीनारायण सोनी, नूर बीकानेरी आदि विद्वानों का संस्था द्वारा उनके निवास पर जाकर सम्मान किया गया।
सम्मान-समारोह के अध्यक्ष नगर विधायक डॉ. गोपाल जोशी ने कहा कि विनोदजी ने जिस किसी भी क्षेत्र में कलम चलाई और काम किया, पूरी गंभीरता, निष्ठा और लगन के कारण सफताएं अर्जित कीं, वे बीकानेर की युवा पीढ़ी के लिए आदर्श पुरुष हैं। मुख्य अतिथि व्यंग्यकार-कहानीकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि भवानी शंकर व्यास विनोद का हिंदी और राजस्थानी के अलावा अंग्रेजी में भी समान अधिकार रहा है, जिससे सुदीर्घ साहित्यिक साधना बहुआयामी रही है।
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