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बीकानेर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RAJ RERA) ने जयपुर के बिल्डर्स AKG अफोर्डेबल हाउसिंग प्रा. लि. पर प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं करने के लिए पेनल्टी लगाने के साथ ही पीड़ित ग्राहक को मुआवजा भी दिलाया है।
रेरा के एडज्युकेटिंग ऑफिसर आर. एस. कुलहरि ने आदेश में कहा है कि विपक्षी बिल्डर पीड़ित ग्राहक को सेवाओं में कमी और मानसिक हैरानी-परेशानी के लिए 80 हजार रुपए अदा करे। इसके साथ ही मुकदमा खर्च के लिए 20,000 रुपए अलग से दिए जाएं।
रेरा अथॉरिटी ने बीकानेर में मांजी सा की बाड़ी गवर्नमेंट प्रेस के सामने रहने वाले प्रदीप राजपुरोहित की शिकायत पर 12 दिसंबर, 2024 को यह फैसला सुनाया। इस फैसले में रेरा अथॉरिटी ने बिल्डर AKG अफोर्डेबल हाउसिंग प्रा. लि. को यह भी आदेश दिया है कि वह पीड़ित ग्राहक की 31 मार्च, 2021 तक जमा राशि पर बतौर क्षतिपूर्ति राशि 12 प्रतिशत ब्याज ऱाशि का भुगतान करे। इसके अलावा 1 अप्रैल, 2021 से कुल जमा राशि पर भुगतान की तारीख तक 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज राशि का भुगतान करे। इस फैसले का पालन विपक्षी बिल्डर को 45 दिन में करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उसे कुल रिकवरेबल राशि पर 6 प्रतिशत की दर से ब्याज का और भुगतान करना होगा।
नहीं चल पाई बिल्डर की बहानेबाजीः
सुनवाई के दौरान बिल्डर ने फ्लैट की बुकिंग, एडवांस पेमेंट और प्रोजेक्ट टाइम पर पूरा नहीं कर पाने से तो इनकार नहीं किया। लेकिन, उसने प्रोजेक्ट में देरी के लिए कई कारण गिनाए। उसका कहना था कि ये कारण उसके नियंत्रण से बाहर थे। जैसे कोविड-19 हो गया। बिल्डिग मैटेरियल की उपलब्धता नहीं हो पाई। सरकार की नई नीतियां लागू हो गईं और अन्य आवंटियों ने समय पर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया था। प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने भी उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। लेकिन, बिल्डर की इन दलीलों को रेरा अथॉरिटी ने नामंजूर कर दिया।
जानिए, आखिर क्या था पूरा मामलाः
प्रकऱण के तथ्यों के मुताबिक जयपुर में अजमेर रोड पर पंचशील कॉलोनी स्थित AKG अफोर्डेबल हाउसिंग प्रा. लि. के प्रोजेक्ट पल्लवी रेजीडेंसी में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत 8 जून, 2016 को एक फ्लैट बुक कराया था। इस फ्लैट की कुल कीमत 10 लाख 8 हजार 50 रुपए तय हुआ। इसमें उसने 50 हजार रुपए बुकिंग के समय ही जमा करवा दिए। जबकि बैंक लोन और अपने निजी स्रोतों से उसने 8 लाख 20 हजार 535 रुपए और जमा कराए। इसके बाद दोनों पक्षों के मध्य 3 अप्रैल, 2019 को एग्रीमेंट टू सेल निष्पादित हुआ।
इसके मुताबिक पीड़ित ग्राहक प्रदीप राजपुरोहित को 31 मार्च, 2021 तक फ्लैट का कब्जा मिल जाना चाहिए था। लेकिन, बिल्डर इस प्रोजेक्ट को टाइम पर पूरा नहीं कर पाया। ऐसी उम्मीद भी नहीं थी कि बिल्डर निकट भविष्य में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर पाएगा। इसलिए उन्हें रेरा अथॉरिटी द्वारा ब्याज समेत पैसा वापस दिलाने के साथ क्षतिपूर्ति राशि भी दिलानी चाहिए। क्योंकि वह फ्लैट की कीमत का करीब 80 प्रतिशत पैसा जमा करवा चुका है। उसका अपने आशियाना का सपना चकनाचूर होने के साथ ही काफी मानसिक परेशानी हुई है। …..पूरा फैसला पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए।
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