बीकानेर। जिले की 25 ग्राम पंचायतों के 864.32 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किए जा रहे 32 चारागाह पूरे प्रदेश में नजीर बन रहे हैं। इन चारागाहों में जहां पशुओं के लिए प्रचुर मात्रा में सेवण और घामण घास उगाई गई है। यह चारागाह, मनरेगा श्रमिकों को रोजगार के साथ राजीविका के महिला स्वयं समूहों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का जरिया बन रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि बीकानेर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसा है। यहां की जलवायु शुष्क होने के साथ बड़ी संख्या में पशु संपदा है। इन पशुओं के लिए बड़ी मात्रा में पौष्टिक चारे की जरूरत होती है। इसके मद्देनजर नवाचार करते हुए जिले में मॉडल चरागाह की परिकल्पना की गई। चरागाह के इन कार्यों को मनरेगा के तहत लिया गया। इनके लिए कुल 1101.73 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।
बीकानेर में कोलायत दूसरे नंबर परः
जिला कलेक्टर ने बताया कि बीकानेर पंचायत समिति की 8 ग्राम पंचायतों के 286.32 हेक्टेयर क्षेत्र में 10 तथा श्रीकोलायत की 4 ग्राम पंचायतों के 338 हेक्टेयर क्षेत्र में 9 मॉडल चारागाह विकसित किए जा रहे हैं। इनके अलावा पूगल में चार लूणकरणसर में तीन, 5 में 2 तथा खाजूवाला, बज्जू, श्रीडूंगरगढ़ और नोखा में एक-एक मॉडल चारागाह विकसित किया जा रहा है।
हरियाली के साथ सुधरेगा ईको सिस्टमः
कलाल ने बताया कि इन 32 चारागाहों में सेवण और धामण जैसी पौष्टिक घास, ग्वारपाठा के अलावा कई प्रकार के फलदार पौधे लगाए गए हैं। पौधों की सुरक्षा के लिए इन्हें प्लास्टिक व झाड़ियों से ढका जाता है। वहीं चारागाहों के चारों ओर 48 हजार 250 रनिंग मीटर डिच कम बंड फेंसिंग (पशुओं से सुरक्षा की दृष्टि से चारों ओर गहरा गड्ढा खोदना) कार्य किया है।
इन चारागाहों में अब तक ग्वारपाठे के 42 हजार, सहजन फली के 4 हजार 350 पौधे लगाए गए हैं। वहीं 21 हजार से अधिक छायादार और फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। पानी के लिए जलकुंड, डिग्गी, कच्ची तलाई व ड्रिप सिंचाई का प्रावधान भी रखा है। चारागाहों के इन कार्यों से बड़े भूभाग में हरियाली होगी, जो इको सिस्टम को मजबूत करने में भी अपना योगदान देगी।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की खुली राहः
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने बताया कि यह नवाचार राजीविका के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की राह खोल रहा है। मॉडल चारागाह की रखरखाव तथा इनमें पानी देने आदि कार्य इन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। वहीं एलोवेरा और सहजन फली के पौधों के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाकर इनका विक्रय भी इन महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा।
महंगाई राहत कैंपः शनिवार तक 18 लाख 58 हजार 837 गारंटी कार्ड जारी:
जिले में शनिवार तक महंगाई राहत शिविरों में 18 लाख 58 हजार 837 लोगों को विभिन्न योजनाओं के लाभ की गारंटी मिल चुकी है। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के 2 लाख 43 हजार 662, मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रत्येक के 3 लाख 22 हजार 098, कृषि विद्युत के 21 हजार 083, घरेलू बिजली के 2 लाख 14 हजार 610, गैस सिलेंडर योजना के 1 लाख 44 हजार 033, कामधेनु बीमा योजना के 2 लाख 93 हजार 421, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1 लाख 18 हजार 640, मनरेगा के 1 लाख 56 हजार 404 तथा शहरी रोजगार गारंटी योजना के 22 हजार 788 गारंटी कार्ड जारी हुए।
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