बीकानेर। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के मुनि पुष्पेन्द्र विजय व मुनि श्रुतानंद विजय के सान्निध्य में तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ जन्म कल्याणक पर रांगड़ी चौक के तपागच्छीय पौषधशाला में उपकरण वंदनावली का संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने अनेक नियम व संकल्प लिए। मुनि व साध्वीवृंद की ओर से उपयोग में लिए जाने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई। शनिवार को सुबह नौ से दस बजे तक भगवान नेमिनाथ के अहिंसा व संयम के भाव जागृत होने से विवाह नहीं कर पाने वाली राजूल के विलाप का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
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प्रदर्शनी में रजोहरण, मुहपत्ति, पात्रा, डंडा-डंडासन, मुनिवेश, माला, पुस्तक आदि उपकरण को प्रदर्शित किया गया। मुनि पुष्पेन्द्र विजय ने बताया कि मुनि व साध्वीजी के उपकरण संयम मय जीवन जीने की प्रेरणा देते है। मुनि श्रुतानंद विजय ने कहा कि यह उपकरण मुनि व साध्वीवृंद के उपकरण प्राप्त करने के बाद साधक को सत्य,अहिंसा, अचौर्य, अपरिग्रह व ब्रह्मचर्य का आजीवन पालन करते हुए संयम मय जीवन जीना पड़ता है। इस अवसर पर अनेक श्रावक श्राविकाओं ने नियमित सामयिक करने, जिनालयों में दर्शन वंदन करने, ब्रह्मचर्य का पालन करने, कोल्ड ड्रिक्स नहीं पीने, नियमित स्वाध्याय करने, नवकार महामंत्र का जाप करने, मौन रहने, जीवों के प्रति दया, करुणा रखने, मुनि व साध्वीवृंद के वस्त्रों का वंदन करने का नियम व संकल्प लिया। गायक महेन्द्र कोचर व सौम्य महिला मंडल ने प्रसंगानुसार भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी।
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