बीकानेर। श्वसन रोग विभाग पीबीएम में यूटीबी नर्सिंग ऑफिसर पद पर कार्यरत धर्मेंन्द्र मीना की गुरूवार शाम अचानक तबियत बिगड़ गयी, उसे सीने में दर्द हुआ और बेहोश हो गया, वहां उपस्थित साथी कार्मिकों तथा रेजिडेण्ट डॉर्क्टस ने तुरंत मामले की गंभीरता देखते हुए सीपीआर देने की प्रक्रिया शुरू की साथ ही प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी सहित वरिष्ठ डॉक्टर्स को सूचित किया, इस पर डॉ. सोनी ने हृदय रोग विभाग से डॉ. पिण्टू नाहटा को आरआईसीयू मे टीम सहीत बुलवाया। दोनों विभागों की टीम ने करीब एक घण्टे तक धर्मेन्द्र को सीपीआर दिया तब जाकर उसे पुनः श्वास आया।
उल्लेखनीय है कि मरीज धर्मेन्द्र के चिंरजीवी योजना में पंजीकरण होने के कारण तुरंत निःशुल्क उपचार शुरू हो गया, अब मरीज खतरे से बाहर है। मरीज के परिजनों ने प्राचार्य सोनी के कुशल चिकित्सा प्रबंधन एवं मुख्यमंत्री को ऐतिहासिक चिरंजीवी योजना लागू करने पर आभार प्रकट किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्राचार्य एवं नियंत्रक गुंजन सोनी ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि राजस्थान सरकार द्वारा संचालित चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिक से अधिक व्यक्ति अपना पंजीकरण करवाएं क्योंकि बीमारी कभी किसी को सूचना देकर नहीं आती ओर आपात स्थिति में मरीजों का उपचार तुरंत शुरू हो जाता है।
इन डॉक्टर्स की टीम ने दिखाई सक्रियता
प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी के मार्गदर्शन में श्वसन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मानक गुजरानी, डॉ. राजेन्द्र शौकत, डॉ. सौगत, डॉक्टर जेके खत्री,श्वसन रोग विभाग के रेजिडेण्ट डॉक्टर रामनिवास, डॉ. हरिश, डॉ. गौरव, डॉ. दीलिप हृदय रोग विभाग से डॉक्टर पिण्टू नाहटा, डॉ. सुनील बुड़ानिया, डॉ.़ प्रियांशु, डॉ. वरूण, डॉ. युधिष्ठीर आदि ने मिलकर मरीज को उचित समय पर उपचार प्रदान कर गंभीर स्थिति से बाहर निकाला।
इन पैरामेडिकल स्टाफ का भी रहा विशेष सहयोग
नर्सिंग स्टाफ शक्तिसिंह, पुष्पेन्द्र सिंह, निर्मला चौधरी एवं सहायक कर्मचारी गणेश चौहान आदि का उपचार के दौरान विशेष सहयोग रहा ।
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