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बीकानेर। बीकानेर के जाने-माने साहित्यकार मुकेश पोपली को इन्दौर स्थित क्षितिज साहित्य संस्था द्वारा 'क्षितिज सम्मान-2024' से सम्मानित किया गया है। इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए देशभर से आठ साहित्यकारों का चयन किया गया, जिसमें मुकेश पोपली ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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साहित्यिक यात्रा : 11 मार्च 1959 को बीकानेर में जन्मे मुकेश पोपली ने एमए-हिन्दी, एमकॉम और एमजेएमसी की शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने कम उम्र में ही लेखन की शुरुआत की, और उनकी कहानियाँ तथा कविताएं 1975 से आकाशवाणी से प्रसारित होने लगीं। बैंककर्मी के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने के बावजूद, उनका झुकाव हमेशा साहित्य की ओर रहा।
प्रकाशित रचनाएँ और साहित्यिक योगदान : मुकेश पोपली की लेखनी की पूजा बचपन से ही शुरू हो गई थी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें 'कहीं जरा सा...' (कहानी संग्रह), 'हमसफ़र' (लघुकथा संग्रह), 'पत्तल' (कहानी संग्रह), और 'शतदल' (कविता संग्रह) प्रमुख हैं। उनकी एक काव्य संग्रह जल्द ही प्रकाशित होने वाला है और एक व्यंग्य संग्रह विचाराधीन है।
इसके अलावा, उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक, दिल्ली मंडल की गृह पत्रिका 'हिंदी ज्ञानवेणी' का सात वर्षों तक सफल संपादन किया है और बैंकिंग विषयों पर निबंध लेखन के लिए कई बार पुरस्कृत भी हुए हैं।
सम्मान और प्रतिक्रिया : क्षितिज साहित्य सम्मान मिलने पर बीकानेर में खुशी का माहौल है। देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों और शहरवासियों ने उन्हें बधाइयाँ दी हैं। सम्मान के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में मुकेश पोपली ने कहा, "मैं तो निमित्त मात्र हूँ। क़लम तो ईश्वर ही चलवाता है और मैं लिखता हूँ।"
इस सम्मान ने मुकेश पोपली की साहित्यिक यात्रा को और अधिक प्रतिष्ठा प्रदान की है, और उनके लेखन का जादू जारी है।
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