बीकानेर। सफलता के लिए उम्र कोई बाधा नहीं, बल्कि ज्ञान की सीढ़ी है। यह बात बुधवार को आचार्य श्री पोकर पोता परिवार के वरिष्ठजन सोहनलाल आचार्य एवं ईश्वरी प्रसाद आचार्य के सम्मान में पोकर पोता समिति के अध्यक्ष डॉ. विजय शंकर आचार्य ने कही। डॉ. आचार्य ने कहा कि एक ऐसी दुनिया जहां लगातार परिवर्तन हो रहा है, वहां बुजुर्गों में ज्ञान, अनुभव और स्थिरता का भंडार है। क्योंकि बूढ़ा होना बीमारी नहीं बल्कि एक जीत है।
समिति के संरक्षक बृजरतन आचार्य ने कहाकि उम्र सिर्फ एक संख्या है, अनुभव ही जीवन है। यह कहावत भी हमने अक्सर सुनी है। जीवन में इन अनुभवों का खजाना संजोए रखते हैं हमारे बुजुर्ग। हमारे बुजुर्ग जीवन के हर पहलू को देख चुके होते हैं, हर परिस्थिति का सामना कर चुके होते हैं। उनके पास समस्याओं का समाधान खोजने की एक अनोखी क्षमता होती है, जो युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
समिति के कोषाध्यक्ष उमाशंकर आचार्य ने कहा कि बुर्जुगों के साथ अधिक समय बिताने, उनकी कहानियों को सुनने, और उनके साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का। बुजुर्गों के जीवन में अनगिनत कहानियां छुपी होती हैं। उनके अनुभव इसलिए भी जानने-सुनने जरूरी हैं, ताकि हम अपनी जड़ों से जुड़े रह सकें। यह युवाओं के लिए जरूरत भी है और समाज के लिए बड़ी अहमियत भी। इस मौके पर समिति परिवार के गिरिराज आचार्य, अशोक आचार्य, श्याम आचार्य, आदि उपस्थित थे।
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